पंजाब विधानसभा में नशा विरोधी अभियान पर गरमागरम बहस

पंजाब विधानसभा में नशा विरोधी अभियान पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इस बहस में पूर्व सरकारों पर नशे की समस्या को सुलझाने में असफल रहने का आरोप लगाया गया। चीमा ने भगवंत मान सरकार की नशा विरोधी पहलों की सराहना की, जबकि बाजवा ने वीडियो दिखाने की अनुमति पर सवाल उठाए। सदन में हंगामा तब बढ़ा जब एक विधायक ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने भी एक विधेयक पर चर्चा की जो भविष्य में अपराधों की रोकथाम के लिए सख्त सजा का प्रावधान करेगा।
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पंजाब विधानसभा में नशा विरोधी अभियान पर गरमागरम बहस

पंजाब विधानसभा में हंगामेदार चर्चा

मंगलवार को पंजाब विधानसभा में नशा विरोधी अभियान पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा के बीच तीखी बहस हुई, जिससे सदन में हंगामा मच गया।


विशेष सत्र के अंतिम दिन, चीमा ने पूर्व की अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकारों पर नशे की समस्या को सुलझाने में असफल रहने का आरोप लगाया।


उन्होंने भगवंत मान सरकार की ओर से युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए 55,000 सरकारी नौकरियों और ‘खेडां वतन पंजाब दियां’ जैसे खेल आयोजनों की प्रशंसा की। इसके साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार के नशा विरोधी अभियान ‘युद्ध नशेयां विरुद्ध’ की भी सराहना की।


चीमा ने उपाध्यक्ष जय कृष्ण सिंह रोड़ी से कुछ कांग्रेसी नेताओं के पुराने वीडियो दिखाने की अनुमति मांगी, जिसमें उन्होंने अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की आलोचना की थी। इस पर बाजवा ने आपत्ति जताते हुए कहा, ‘‘क्या आप विधानसभा के नियमों का पालन कर रहे हैं? क्या आप किसी सिनेमाघर में हैं? कुछ समझदारी से बात करें।’’


इसके बाद, सदन में फिर से हंगामा हुआ जब अकाली विधायक मनविंदर सिंह गियासपुरा ने कांग्रेस विधायक अवतार सिंह जूनियर पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया।


इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ‘पंजाब पवित्र धर्मग्रंथों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम विधेयक 2025’ पर चर्चा करते हुए कहा कि यह विधेयक दोषियों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान करेगा, ताकि भविष्य में ऐसे जघन्य अपराधों की पुनरावृत्ति न हो।