पंजाब में बेअदबी के खिलाफ सख्त कानून का प्रस्ताव

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बेअदबी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण विधेयक को मंजूरी दी गई। यह विधेयक धार्मिक ग्रंथों और पूजा स्थलों के अपमान के मामलों में सख्त सजा का प्रावधान करता है, जिसमें आजीवन कारावास और विशेष फास्ट-ट्रैक अदालतों की स्थापना शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कानून के मसौदे पर सभी हितधारकों से राय ली जाएगी। जानें इस विधेयक के बारे में और क्या है इसके पीछे की सोच।
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पंजाब में बेअदबी के खिलाफ सख्त कानून का प्रस्ताव

पंजाब कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक

आज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निवास पर एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पंजाब कैबिनेट ने धार्मिक ग्रंथों और पूजा स्थलों के अपमान से निपटने के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित बेअदबी के खिलाफ विधेयक को मंजूरी दी। इस मंजूरी के साथ, यह विधेयक आज बाद में पंजाब विधानसभा में पेश किया जा सकता है। यह कदम बेअदबी के खिलाफ एक सख्त कानून की मांग के बीच उठाया गया है, जो एक संवेदनशील मुद्दा है और अतीत में व्यापक विरोध और आक्रोश का कारण बना है।


विधेयक की विशेषताएँ

पंजाब में बेअदबी के मामलों के लिए वर्तमान में कोई सख्त कानूनी प्रावधान नहीं है। प्रस्तावित कानून के तहत, जानबूझकर धार्मिक ग्रंथों या पवित्र स्थलों का अपमान करने वाले व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी। इस विधेयक में बेअदबी के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष फास्ट-ट्रैक अदालतें स्थापित करने का भी प्रावधान है। इसके अलावा, इस कानून के तहत दोषियों को पैरोल नहीं दी जाएगी, जो शून्य-सहिष्णुता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


मुख्यमंत्री का बयान

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले कहा था कि उनकी सरकार बेअदबी के मामलों के खिलाफ कड़ी सजा के लिए विधानसभा में एक मसौदा विधेयक पेश करेगी। उन्होंने बताया कि सरकार इस प्रस्तावित कानून के लिए सभी हितधारकों और धार्मिक संस्थाओं से राय लेगी। मान ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, 'हम इसका मसौदा तैयार कर रहे हैं। एक कानून बनाया जाएगा। लेकिन इसके लिए हमें हितधारकों और धार्मिक संस्थाओं से बात करनी होगी। हम मसौदा विधेयक विधानसभा में पेश करेंगे।' उन्होंने यह भी कहा कि अंतिम मसौदे के लिए समय की आवश्यकता होगी और इसे विधानसभा में पेश करने के बाद जनता की राय ली जाएगी।