पंजाब में बाढ़ राहत के लिए सांसद ने 5 करोड़ रुपये का किया वादा

पंजाब में बाढ़ राहत कार्यों के लिए सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने 5 करोड़ रुपये का वादा किया है। यह राशि सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना और उनके निजी योगदान से जुटाई जाएगी। बाढ़ ने 14 ज़िलों में 43 लोगों की जान ले ली है और 1.71 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुँचाया है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और किसानों को राहत का आश्वासन दिया। जानें बाढ़ की स्थिति, राहत कार्य और प्रभावित क्षेत्रों के बारे में अधिक जानकारी।
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पंजाब में बाढ़ राहत के लिए सांसद ने 5 करोड़ रुपये का किया वादा

बाढ़ राहत कार्यों के लिए सांसद का योगदान

आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने पंजाब में बाढ़ राहत कार्यों के लिए 5 करोड़ रुपये देने का आश्वासन दिया है। यह राशि सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) के तहत आवंटित धन और उनके निजी योगदान से जुटाई जाएगी। साहनी ने बताया कि इस धन का एक हिस्सा उन्नत बचाव नौकाओं, आधुनिक गाद निकालने वाली मशीनों और भविष्य में संभावित आपदाओं से निपटने के लिए तटबंधों के निर्माण पर खर्च किया जाएगा। अपने गैर-सरकारी संगठन, सन फ़ाउंडेशन के माध्यम से, उन्होंने पहले ही मोटरबोट, एम्बुलेंस, सूखा राशन किट, चिकित्सा आपूर्ति, स्वच्छता सामग्री और पशुओं के चारे पर 1 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। इसके अलावा, उन्होंने सीमांत किसानों को अगले बुवाई चक्र के लिए उर्वरक, बीज और कीटनाशक उपलब्ध कराने का भी आश्वासन दिया है। केंद्रीय सहायता की मांग करते हुए, साहनी ने 10,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मांग की है, जिसमें फसल नुकसान का सामना कर रहे किसानों के लिए 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजे के साथ-साथ दिहाड़ी मजदूरों और पशुपालकों के लिए आर्थिक सहायता का प्रस्ताव रखा गया है。


भाखड़ा और पौंग बांधों में जलस्तर की चिंता

पंजाब में प्रशासन हाई अलर्ट पर है क्योंकि भाखड़ा बांध का जलस्तर 1,679 फीट तक पहुँच गया है, जो इसकी अधिकतम क्षमता से केवल एक फीट कम है। पानी के प्रवाह में वृद्धि के साथ, रूपनगर प्रशासन ने सतलुज नदी के आसपास के निवासियों को अलर्ट जारी किया है और उन्हें सुरक्षित क्षेत्रों और राहत शिविरों में जाने का आग्रह किया है। पौंग बांध भी अपनी क्षमता से अधिक हो गया है, जहाँ जलप्रवाह 1.32 लाख क्यूसेक तक पहुँच गया है, जिससे बड़ी मात्रा में पानी छोड़ना पड़ा है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि भाखड़ा से पानी का बहाव 80,000-85,000 क्यूसेक तक बढ़ सकता है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है।


बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ी

पंजाब में बाढ़ आपदा ने 14 ज़िलों में अब तक 43 लोगों की जान ले ली है, जबकि पठानकोट में तीन लोग लापता हैं। 1.71 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पर खड़ी फ़सलें नष्ट हो गई हैं, जिससे राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है। बाढ़ ने 23 ज़िलों के 1,902 गाँवों को जलमग्न कर दिया है, जिससे 3.84 लाख से अधिक निवासी प्रभावित हुए हैं। आपदा मोचन बलों और स्थानीय प्रशासन ने लगभग 21,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया है।


केंद्रीय मंत्री का दौरा और राहत कार्य

पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ में मरने वालों की संख्या बृहस्पतिवार को बढ़कर 43 हो गई, वहीं 1.71 लाख हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और फसलों को हुए नुकसान का जायजा लिया। चौहान ने इसे जल प्रलय की स्थिति बताते हुए किसानों को आश्वासन दिया कि केंद्र उन्हें इस संकट से उबारने के लिए हर संभव प्रयास करेगा। उन्होंने अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और बाढ़ प्रभावित किसानों तथा अन्य लोगों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि बाढ़ से उत्पन्न स्थिति का आकलन करने के लिए दो केंद्रीय दल भी पंजाब का दौरा कर रहे हैं और बाद में ये दल केंद्र को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।


अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाढ़ का प्रभाव

पंजाब और जम्मू के अग्रिम इलाकों में बाढ़ के कारण भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा की 110 किलोमीटर से अधिक बाड़ क्षतिग्रस्त हो गई है और लगभग 90 बीएसएफ चौकियां जलमग्न हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अंतरराष्ट्रीय सीमा 2,289 किलोमीटर लंबी है, जो देश के पश्चिमी हिस्से में राजस्थान और गुजरात राज्यों से होकर भी गुजरती है। बीएसएफ जम्मू में लगभग 192 किलोमीटर और पंजाब में 553 किलोमीटर की पहरेदारी करता है।


बीएसएफ चौकियों को नुकसान

अधिकारियों ने बताया कि पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगी लगभग 80 किलोमीटर लंबी बाड़ और जम्मू में लगभग 30 किलोमीटर लंबी बाड़ बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है। इन जगहों पर लगी बाड़ या तो डूब गई है, उखड़ गई है या झुक गई है। बाढ़ से जम्मू में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की लगभग 20 और पंजाब में 65-67 चौकियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं या जलमग्न हो गई हैं। बीएसएफ की कई अग्रिम रक्षा चौकियां या ऊंचाई पर स्थित निगरानी चौकियां भी प्रभावित हुई हैं। एक अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ ने अब इन दोनों क्षेत्रों में बाड़ और सीमा चौकियों को बहाल करने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है ताकि जवान फिर से वहां तैनात हो सकें। उन्होंने बताया कि इन प्रभावित इलाकों में अंतरराष्ट्रीय सीमा की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के साथ ड्रोन, बड़ी सर्चलाइट से नजर रखी जा रही है और नौकाओं से गश्त की जा रही है। पानी कम हो रहा है और बीएसएफ कर्मी जल्द ही वहां तैनात हो जाएंगे। कुछ दिन पहले जम्मू में बाढ़ के पानी में बीएसएफ का एक जवान डूब गया। पंजाब 1988 के बाद से सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है, जबकि जम्मू में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है जहाँ तवी नदी में उफान से सैकड़ों घर और कई हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है।


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