पंजाब में बाढ़ को मानव निर्मित आपदा मानते हैं कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा

पंजाब विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने हाल ही में राज्य में आई बाढ़ को मानव निर्मित आपदा करार दिया है। उन्होंने सरकार पर बांधों के पानी के प्रबंधन में कमी और केंद्र सरकार की राहत निधि की अपर्याप्तता का आरोप लगाया। बाजवा ने कहा कि पंजाब के लोग इस स्थिति से दुखी हैं और उन्होंने विशेष सत्र में प्रश्नकाल और शून्यकाल की अनुपस्थिति पर भी सवाल उठाए। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति क्या है।
 | 
पंजाब में बाढ़ को मानव निर्मित आपदा मानते हैं कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा

पंजाब में बाढ़ की स्थिति पर कांग्रेस नेता की टिप्पणी

पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने शुक्रवार को राज्य में आई बाढ़ को मानव निर्मित आपदा करार दिया। विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान, उन्होंने राज्य सरकार पर बांधों से पानी छोड़ने के प्रबंधन में कमी का आरोप लगाया और केंद्र सरकार की बाढ़ राहत निधि को अपर्याप्त बताया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए, बाजवा ने कहा कि विधानसभा, जो लोकतंत्र का प्रतीक है, लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए कार्यरत है। वर्तमान में, पंजाब के सभी वर्गों में गहरी निराशा है।




बाजवा ने आगे कहा कि पंजाब के लोग और उनकी पार्टी मानते हैं कि यह बाढ़ मुख्यतः मानव निर्मित थी। मौसम विभाग ने पहले ही मई-जून में भारी बारिश की चेतावनी दी थी। केंद्रीय जल आयोग बांधों के संचालन का जिम्मा संभालता है। हालांकि, पंजाब को प्राकृतिक आपदाओं के लिए केंद्र से धन मिलता रहा है, लेकिन राज्य ने इस राशि का उचित उपयोग क्यों नहीं किया? उन्होंने विशेष सत्र में प्रश्नकाल और शून्यकाल की अनुपस्थिति पर भी सवाल उठाए।




उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्य को केवल 1600 करोड़ रुपये, जो कि कुल राहत का 8% है, प्रदान किए हैं। उनका मानना है कि सिंचाई मंत्री और सचिव को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। यदि पानी को धीरे-धीरे छोड़ा जाता, तो नुकसान कम होता। बाजवा ने यह भी पूछा कि अब तक बुलाए गए विशेष सत्रों का क्या परिणाम निकला है, क्योंकि इस सत्र में प्रश्नकाल और शून्यकाल का अभाव है।




पंजाब सरकार ने हाल ही में बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए 26 से 29 सितंबर तक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया है। 15 सितंबर तक की बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में कुल 1,98,525 हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ है, जिसमें गुरदासपुर, पटियाला, तरनतारन, फाजिल्का, फिरोजपुर और कपूरथला जैसे क्षेत्रों में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। राज्य के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह के अनुसार, बाढ़ के कारण अब तक 56 लोगों की जान जा चुकी है।