पंकज धीर का कैंसर से निधन: जानें बीमारी के दोबारा लौटने के कारण

पंकज धीर का कैंसर से निधन हो गया, जिसने उनके प्रशंसकों को गहरा दुख पहुंचाया। उनके कैंसर के दोबारा लौटने के कारणों पर विशेषज्ञों की राय जानें। गाजियाबाद के डॉक्टरों ने बताया कि कैसे कुछ कैंसर कोशिकाएं उपचार के बाद भी जीवित रह जाती हैं और पुनः सक्रिय हो जाती हैं। जानें कैंसर की पुनरावृत्ति से बचने के उपाय और नियमित जांच के महत्व के बारे में।
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पंकज धीर का कैंसर से निधन: जानें बीमारी के दोबारा लौटने के कारण

कैंसर की पुनरावृत्ति के कारण

पंकज धीर का कैंसर से निधन: जानें बीमारी के दोबारा लौटने के कारण

क्यों दोबारा हो जाता है कैंसरImage Credit source: PTI and Getty Images

पंकज धीर, जिन्होंने बी आर चोपड़ा की महाभारत में कर्ण का किरदार निभाया, का निधन कैंसर के कारण हुआ। उनके परिवार ने यह नहीं बताया कि उन्हें कौन सा कैंसर था, लेकिन यह जानकारी मिली है कि उनका कैंसर पहले ठीक हो गया था, फिर से लौट आया। इसके लिए उन्होंने सर्जरी भी करवाई, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार कैंसर पुनः लौट आता है, और इसके पीछे कई कारण होते हैं।

गाजियाबाद के मैक्स अस्पताल के ऑन्कोलॉजी विभाग के डॉ. रोहित कपूर के अनुसार, कुछ कैंसर उपचार के बाद भी वापस आ सकते हैं। यह आमतौर पर कुछ वर्षों बाद होता है। कैंसर के पुनः होने का मुख्य कारण यह है कि कई मामलों में उपचार के बाद भी शरीर में कुछ कैंसर कोशिकाएं बची रह जाती हैं। इनका पता उस समय नहीं चल पाता है, जिससे मरीज और डॉक्टरों को लगता है कि बीमारी समाप्त हो गई है। ये कोशिकाएं इतनी छोटी होती हैं कि टेस्ट या स्कैन में दिखाई नहीं देतीं। समय के साथ, ये फिर से सक्रिय हो जाती हैं और धीरे-धीरे ट्यूमर का निर्माण करती हैं। कई बार इनका पता तब चलता है जब इलाज के बाद कैंसर के लक्षण फिर से उभरने लगते हैं।

कैंसर कोशिकाओं की चालाकी

सफदरजंग अस्पताल के ऑन्कोलॉजी विभाग के डॉ. मुकेश नागर बताते हैं कि कैंसर कोशिकाएं बहुत चालाक होती हैं। ये अपने जीन में बदलाव कर लेती हैं और दवाओं के प्रभाव से खुद को सुरक्षित रखती हैं। इसके बाद ये फिर से सक्रिय हो जाती हैं और कैंसर का कारण बनती हैं।

डॉ. नागर के अनुसार, जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उन्हें भी कैंसर के दोबारा होने का खतरा रहता है। कमजोर इम्यूनिटी के कारण कैंसर कोशिकाएं पूरी तरह समाप्त नहीं हो पातीं और बीमारी फिर से उभर आती है।

कुछ कैंसर, जैसे लंग्स कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर, के दोबारा होने का खतरा अधिक होता है।

कैंसर की पुनरावृत्ति से बचने के उपाय

डॉ. नागर के अनुसार, कैंसर की पुनरावृत्ति से बचने के लिए यह आवश्यक है कि मरीज पहले हुए इलाज के बाद नियमित रूप से डॉक्टर से फॉलो-अप कराएं। इसके लिए हर तीन से छह महीने में ब्लड टेस्ट और स्क्रीनिंग कराते रहना चाहिए। यदि अचानक वजन कम हो रहा है, लगातार थकान महसूस हो रही है, या शरीर में कोई गांठ बन रही है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।