नोएडा में व्हाट्सऐप धोखाधड़ी से 1.24 करोड़ रुपये की ठगी

नोएडा में एक साधारण व्हाट्सऐप संदेश ने एक वरिष्ठ अधिकारी की जिंदगी को बदल दिया, जब उन्होंने एक अनजान नंबर से आए संदेश का जवाब दिया। इस बातचीत ने उन्हें 1.24 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बना दिया। एक महिला ने उन्हें एक निवेश योजना के तहत पैसे डालने के लिए राजी किया, लेकिन अंततः सारा पैसा गायब हो गया। जानें इस धोखाधड़ी की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
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नोएडा में व्हाट्सऐप धोखाधड़ी से 1.24 करोड़ रुपये की ठगी

नोएडा में एक साधारण मैसेज से शुरू हुई ठगी की कहानी

नोएडा में व्हाट्सऐप धोखाधड़ी से 1.24 करोड़ रुपये की ठगी


नोएडा से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक साधारण व्हाट्सऐप संदेश ने यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी के 56 वर्षीय अधिकारी ब्रजपाल सिंह की जिंदगी को बदल दिया। यह कहानी एक साधारण संदेश से शुरू हुई और अंत में 1 करोड़ 24 लाख रुपये की ठगी में बदल गई। जनवरी 2024 की एक शाम, ब्रजपाल के फोन पर एक अनजान नंबर से व्हाट्सऐप पर 'हाय सिमरन' का संदेश आया।


सिंह ने जवाब देने का निर्णय लिया और पूछा कि वह कौन हैं। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यह संदेश उनकी जमा-पूंजी को हमेशा के लिए गायब कर देगा। इसके बाद, दूसरी ओर से 'गलती' के लिए माफी मांगी गई और फिर दोनों के बीच नंबरों की गड़बड़ी पर बातचीत शुरू हुई। लड़की ने अपना नाम दिव्या शर्मा बताया, जो मुंबई के जुहू में रहती है और अपनी कंपनी Zillion Exports चलाती है।


बड़ी रकम का निवेश और धोखाधड़ी का जाल

धीरे-धीरे बातचीत काम से व्यक्तिगत स्तर पर बढ़ गई। एक दिन दिव्या ने ब्रजपाल से उनकी सैलरी के बारे में पूछा और फिर कहा कि वह उन्हें अतिरिक्त कमाई का एक शानदार अवसर दे सकती है। इसके बाद, दिव्या ने ब्रजपाल को Golden Bridge Investment नाम की एक वेबसाइट भेजी। पहले ट्रायल के लिए ब्रजपाल ने 40 हजार रुपये निवेश किए और कुछ ही दिनों में ऐप में लाखों का लाभ दिखने लगा।


उन्हें 23 लाख रुपये का 'रिटर्न' मिला, जिससे उन्हें विश्वास हो गया कि यह एक शानदार योजना है। इसके बाद, 1 फरवरी 2024 से 11 नवंबर 2024 के बीच, विभिन्न बैंक खातों में कुल 1 करोड़ 24 लाख 44 हजार रुपये से अधिक ट्रांसफर कर दिए गए। ऐप में बैलेंस 2.24 करोड़ तक दिख रहा था।


धोखाधड़ी का अंत और पुलिस की कार्रवाई

जब ब्रजपाल ने पैसे निकालने की कोशिश की, तो 'कस्टमर केयर' ने कहा कि पहले 30 प्रतिशत टैक्स जमा करना होगा। ब्रजपाल ने टैक्स के नाम पर भी लाखों रुपये और डाल दिए। लेकिन एक दिन अचानक दिव्या के संदेश बंद हो गए, उसका नंबर स्विच ऑफ हो गया और वेबसाइट पर लॉग-इन करना बंद हो गया। सारा पैसा गायब हो गया। यह सब कुछ फर्जी प्रोफाइल और ऐप का खेल था।


अंत में, नोएडा पुलिस के साइबर क्राइम विभाग ने भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 318(4) (धोखाधड़ी) और 319(2) (छलपूर्वक पहचान छुपाना) तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।