नोएडा का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 30 अक्टूबर को होगा उद्घाटन

नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने जानकारी दी है कि नोएडा का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जिसे जेवर हवाई अड्डा भी कहा जाता है, का उद्घाटन 30 अक्टूबर को निर्धारित किया गया है। उद्घाटन के 45 दिनों के भीतर, बेंगलुरु, मुंबई और कोलकाता जैसे 10 प्रमुख शहरों के लिए उड़ानें शुरू की जाएँगी। मंत्री ने बताया कि इंडिगो और एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ उड़ान सेवाएँ शुरू करने के लिए बातचीत चल रही है।
हवाई अड्डे की सुविधाएँ
यह हवाई अड्डा छह सड़कों और एक रैपिड रेल-सह-मेट्रो के साथ-साथ पॉड टैक्सियों से जुड़ा होगा। इसके चालू होने के बाद, इसे 'डीएक्सएन' के तहत संचालित किया जाएगा। 9 दिसंबर को हवाई अड्डे पर रनवे का परीक्षण किया गया, जिसमें एक वाणिज्यिक विमान की सफल लैंडिंग भी हुई। यह नया हवाई अड्डा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर क्षेत्र में स्थित है, जो दिल्ली से लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर है। यह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाद एनसीआर का दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा।
उद्घाटन की तैयारी
मंत्री ने गाजियाबाद के हिंडन हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा कि वे जल्द से जल्द उद्घाटन करना चाहते हैं और 30 अक्टूबर की तारीख तय की गई है। उन्होंने बताया कि एयरलाइंस जेवर हवाई अड्डे से परिचालन को लेकर उत्साहित हैं और इस क्षेत्र में अपार संभावनाएँ देख रही हैं।
आर्थिक प्रभाव
यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे स्थित यह हवाई अड्डा पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आर्थिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की क्षमता रखता है। इस परियोजना ने पहले ही रियल एस्टेट विकास को गति दी है और इससे लगभग एक लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
भविष्य की योजनाएँ
हवाई अड्डे का विकास एक विशाल आर्थिक क्षेत्र बनाने की योजना का हिस्सा है, जिसमें लॉजिस्टिक्स हब, फिल्म सिटी और विभिन्न औद्योगिक पार्क शामिल हैं। हालांकि इस परियोजना में कई बार देरी हुई है, फिर भी इसके उद्घाटन की ओर अंतिम कदम एक दृढ़ प्रयास का संकेत है। मंत्री ने कहा कि पहले चरण में जेवर हवाई अड्डे से कम से कम 10 शहरों को जोड़ा जाएगा और यह मालवाहक उड़ानों पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगा। यह हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत विकसित किया जा रहा है।