नेपाल सरकार ने पूर्व पीएम ओली के पासपोर्ट निलंबित किए, जेन-जी आंदोलन की जांच जारी

नेपाल की सुशीला कार्की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और चार अन्य के पासपोर्ट निलंबित कर दिए हैं। यह कदम जेन-जी आंदोलन के दौरान दमन की जांच के संदर्भ में उठाया गया है। आंदोलन के दौरान पुलिस की फायरिंग में 19 लोगों की मौत हुई थी। ओली ने इस मामले में जांच की मांग की है, जबकि मनी लॉन्ड्रिंग विभाग ने कई नेताओं के घरों से मिले जले हुए नोटों की जांच शुरू कर दी है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की कहानी।
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नेपाल सरकार ने पूर्व पीएम ओली के पासपोर्ट निलंबित किए, जेन-जी आंदोलन की जांच जारी

नेपाल में पासपोर्ट निलंबन का निर्णय

नेपाल की सुशीला कार्की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और चार अन्य व्यक्तियों के पासपोर्ट को निलंबित करने का निर्णय लिया है। यह कदम जेन-जी आंदोलन के दौरान हुए दमन की जांच के संदर्भ में उठाया गया है। आयोग की सिफारिश के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। इस सूची में पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक, गृह सचिव गोकरणमणि दुवाड़ी, खुफिया विभाग के प्रमुख हुत्राज थापा और काठमांडू के पूर्व मुख्य जिला अधिकारी छबी रिजाल शामिल हैं। इन सभी को काठमांडू छोड़ने के लिए पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है। 8-9 सितंबर को हुए आंदोलन में पुलिस की फायरिंग से 19 लोगों की जान गई थी। मनी लॉन्ड्रिंग विभाग ने ओली, शेर बहादुर देउबा, पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' और ऊर्जा मंत्री दीपक खड़का के घरों से मिले जले हुए नोटों की जांच शुरू कर दी है।


जेन-जी आंदोलन और उसके परिणाम

भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ 8 सितंबर को जेन-जी आंदोलन शुरू हुआ। उसी दिन, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं, जिससे कम से कम 19 लोग मारे गए और स्थिति और भी बिगड़ गई। दो दिनों के विरोध प्रदर्शन के अंत तक, मृतकों की संख्या 75 तक पहुँच गई थी। इस हिंसक दमन ने ओली को प्रधानमंत्री पद से हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके बाद सुशीला कार्की ने अंतरिम सरकार का नेतृत्व किया। नए मंत्रिमंडल ने सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अत्यधिक बल प्रयोग की जांच के लिए 21 सितंबर को एक आयोग का गठन किया।


ओली का बयान और जांच की मांग

पद से हटने के बाद अपने पहले बयान में, ओली ने प्रदर्शनकारियों पर इस्तेमाल किए गए हथियारों के प्रकार पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि स्वचालित बंदूकों से गोलियां चलाई गईं, जो पुलिस के पास नहीं थीं, और मामले की जांच की मांग की। यह खंडन उस समय आया जब सरकार और पुलिस द्वारा की गई कार्रवाइयों की जांच बढ़ रही थी।