नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ युवा पीढ़ी का विरोध

नेपाल में विरोध प्रदर्शन: स्थिति
नेपाल की राजधानी काठमांडू में सरकार के भ्रष्टाचार और हाल ही में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ चल रहे जनरेशन जेड के प्रदर्शनों में मृतकों की संख्या 18 तक पहुँच गई है। हिमालयन टाइम्स के अनुसार, इनमें से छह लोग ट्रॉमा सेंटर, तीन सिविल अस्पताल, तीन एवरेस्ट अस्पताल, एक काठमांडू मेडिकल कॉलेज (KMC) और एक त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल में मरे हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिबंध का कारण
नेपाल में 4 सितंबर को लागू हुए इस प्रतिबंध का उद्देश्य उन सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को निशाना बनाना था जो सरकार के साथ पंजीकृत नहीं थे। नेपाल सरकार ने कहा कि फर्जी आईडी वाले उपयोगकर्ता नफरत भरे भाषण और झूठी खबरें फैला रहे हैं, और कुछ प्लेटफार्मों के माध्यम से धोखाधड़ी और अन्य अपराध कर रहे हैं।
इस बैठक में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरंग, मंत्रालय के अधिकारी, नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण के प्रतिनिधि, टेलीकॉम ऑपरेटर और इंटरनेट सेवा प्रदाता शामिल थे। सरकार ने आधी रात के बाद सोशल मीडिया साइटों को बंद करने का निर्देश दिया।
विरोध प्रदर्शन का कारण
काठमांडू पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल में लगभग 13.5 मिलियन फेसबुक उपयोगकर्ता और 3.6 मिलियन इंस्टाग्राम उपयोगकर्ता हैं। कई उपयोगकर्ता अपने व्यवसाय के लिए सोशल मीडिया पर निर्भर हैं, और अब वे प्रतिबंध से प्रभावित होने का दावा कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर भ्रष्टाचार, शक्ति का दुरुपयोग और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
प्रदर्शनकारियों की आवाज
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "यह नेपाल में नई पीढ़ी का विरोध है। देश में एक नई दासता प्रणाली लागू की गई है।" उन्होंने कहा कि प्रमुख तीन राजनीतिक दलों ने मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है।
प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए, "सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटाओ, भ्रष्टाचार पर रोक लगाओ।"