नीदरलैंड्स में राजनीतिक संकट: पीएम डिक स्कोफ का इस्तीफा

नीदरलैंड्स की राजनीति में बड़ा बदलाव
नीदरलैंड्स में मंगलवार को राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया, जब प्रधानमंत्री डिक स्कोफ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। उनकी सरकार पीवीवी पार्टी के सहयोग से चल रही थी, लेकिन पार्टी के नेता गीर्ट विल्डर्स ने समर्थन वापस ले लिया।
गीर्ट विल्डर्स का विवादास्पद बयान
गीर्ट विल्डर्स, जो भारत में भी जाने जाते हैं, अपनी एंटी-मुस्लिम टिप्पणियों के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने सख्त इमीग्रेशन नीतियों का समर्थन नहीं किया, जिससे उन्हें गठबंधन तोड़ने का निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे आगामी चुनाव में PVV के उम्मीदवार के रूप में प्रधानमंत्री पद की दावेदारी करेंगे।
डिक स्कोफ का इस्तीफा और इमरजेंसी मीटिंग
डिक स्कोफ ने इस्तीफे की घोषणा के बाद एक इमरजेंसी कैबिनेट बैठक में कहा, "मैंने सभी दलों से कहा कि सरकार का गिरना न केवल अनावश्यक है, बल्कि यह गैर-जिम्मेदाराना भी होगा। हमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई चुनौतियों का सामना करना है, जिसके लिए निर्णय लेने की क्षमता आवश्यक है।" उन्होंने अपना इस्तीफा राजा विलेम-अलेक्जेंडर को सौंपने की बात कही।
PVV के मंत्री होंगे बाहर, कार्यवाहक सरकार का शासन
अब स्थिति यह है कि PVV के मंत्री सरकार से बाहर हो जाएंगे, जबकि अन्य मंत्री कार्यवाहक सरकार के रूप में शासन जारी रखेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अक्टूबर या नवंबर से पहले चुनाव की संभावना नहीं है।
एंटी-इमीग्रेशन नीतियों का समर्थन
विशेषज्ञों का मानना है कि PVV का यह निर्णय रणनीतिक है, क्योंकि देश में एंटी-इमीग्रेशन नीतियों का समर्थन बढ़ रहा है। यदि चुनाव इसी मुद्दे पर केंद्रित रहता है, तो PVV को व्यापक समर्थन मिल सकता है।