नीदरलैंड में नाटो शिखर सम्मेलन: रूस के खतरे और डिफेंस बजट पर चर्चा

नीदरलैंड के हैग में आयोजित नाटो शिखर सम्मेलन में यूरोपीय नेताओं ने रूस के बढ़ते खतरे और डिफेंस बजट पर चर्चा की। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मांग पर, नाटो नेताओं ने अपने देशों के रक्षा बजट को जीडीपी का 5 प्रतिशत तक बढ़ाने पर सहमति जताई। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि इटली और स्पेन के बीच कोई भिन्नता नहीं है। जानें इस सम्मेलन की प्रमुख बातें और नेताओं के विचार।
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नीदरलैंड में नाटो शिखर सम्मेलन: रूस के खतरे और डिफेंस बजट पर चर्चा

नाटो समिट का मुख्य फोकस

नीदरलैंड के हैग में यूरोपीय देशों के नेता नाटो शिखर सम्मेलन में एकत्रित हुए। इस सम्मेलन का प्रमुख विषय रूस के बढ़ते खतरे से यूरोप की सुरक्षा सुनिश्चित करना था। इसके साथ ही, यूक्रेन की सहायता बढ़ाने और सीजफायर पर भी चर्चा की गई। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मांग पर, नाटो नेताओं ने अपने देशों के रक्षा बजट को आर्थिक उत्पादन का 5 प्रतिशत तक बढ़ाने पर सहमति जताई।


नेताओं का संयुक्त बयान

एक संयुक्त बयान में नेताओं ने कहा कि वे गंभीर सुरक्षा खतरों और चुनौतियों के प्रति एकजुट हैं, विशेषकर रूस द्वारा उत्पन्न दीर्घकालिक खतरे और आतंकवाद के खिलाफ। हालांकि, स्पेन और इटली इस मामले में अलग नजर आए।


इटली की प्रधानमंत्री का बयान

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि हेग में नाटो शिखर सम्मेलन में इटली और स्पेन के बीच जो सहमति बनी, उसमें कोई भिन्नता नहीं है। उन्होंने डिफेंस बजट को जीडीपी के 5 प्रतिशत तक बढ़ाने के संबंध में स्पेन के रुख पर टिप्पणी की। मेलोनी ने कहा कि इटली ने वही किया जो स्पेन ने किया।


जियोर्जिया का अलग रुख

शिखर सम्मेलन के बाद, जियोर्जिया मेलोनी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि स्पेन ने भी इटली के समान ही कदम उठाया है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने एक ही दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए हैं और इस समझौते पर चर्चा के दौरान कोई बड़ी असहमति नहीं थी।


स्पेन का डिफेंस बजट पर रुख

स्पेन के अर्थव्यवस्था मंत्री कार्लोस क्यूरपो ने कहा कि उनका देश 2.1 प्रतिशत तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है और उन्होंने कहा कि सटीक प्रतिशत पर ध्यान केंद्रित करना सही दृष्टिकोण नहीं है।