नीतीश कुमार की बोधगया यात्रा: शांति और विकास की प्रार्थना

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बोधगया के महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना की और राज्य के विकास के लिए 7 निश्चय-3 कार्यक्रम की घोषणा की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य की औसत प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करना है। नीतीश कुमार ने बोधि वृक्ष के समक्ष भी पूजा की और भगवान बुद्ध के संदेश की महत्ता पर जोर दिया। जानें इस यात्रा और विकास योजनाओं के बारे में और क्या-क्या संकल्प लिए गए हैं।
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नीतीश कुमार की बोधगया यात्रा: शांति और विकास की प्रार्थना

बोधगया में पूजा-अर्चना

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को बोधगया के महाबोधि मंदिर में पूजा की। मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य अरविंद कुमार सिंह के अनुसार, यह नीतीश कुमार की नई सरकार बनने के बाद पहली यात्रा है। उन्होंने बिहार में शांति और विकास के लिए प्रार्थना की। इसके अलावा, उन्होंने बोधि वृक्ष के समक्ष भी पूजा में भाग लिया। सिंह ने कहा कि भगवान बुद्ध का संदेश विश्व में शांति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।


7 निश्चय-3 कार्यक्रम की घोषणा

मंगलवार को नीतीश कुमार ने बिहार में 7 निश्चय-3 कार्यक्रम की शुरुआत की। यह कार्यक्रम 2015 से 2020 तक के 7 निश्चय योजना का तीसरा चरण है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 2005 में सरकार के गठन के बाद से राज्य में कानून का शासन बना हुआ है और विकास के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 7 निश्चय-3 कार्यक्रम के माध्यम से बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने का लक्ष्य है।


मुख्यमंत्री के प्रमुख संकल्प

नीतीश कुमार ने योजना के तहत सात प्रमुख संकल्पों का उल्लेख किया। पहले संकल्प का उद्देश्य 'दोहरा रोजगार' है, जिसका लक्ष्य राज्य की औसत प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करना है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस दिशा में कई योजनाएं लागू की गई हैं, जिसमें महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार के लिए 10,000 रुपये की सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, 2023 में किए गए जाति-आधारित और सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, 94 लाख परिवारों को रोजगार योजनाओं में प्राथमिकता दी जाएगी।