नीतीश कुमार की पहली सूची में मुस्लिम उम्मीदवारों की अनुपस्थिति पर उठे सवाल

जदयू ने जारी की उम्मीदवारों की पहली सूची

नीतीश कुमार.
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सत्ताधारी पार्टी जदयू ने बुधवार को अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। इस सूची में कुल 57 उम्मीदवारों के नाम शामिल किए गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए इस सूची को तैयार किया है।
कुर्मी और कुशवाहा जातियां जदयू के पारंपरिक वोट बैंक मानी जाती हैं। इस सूची में इन जातियों को प्राथमिकता दी गई है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इसमें एक भी मुस्लिम उम्मीदवार का नाम नहीं है।
नीतीश कुमार भाजपा के साथ मिलकर बिहार में शासन कर रहे हैं और यह सूची भाजपा की हिंदुत्व नीति के अनुरूप प्रतीत होती है। हाल ही में एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने मुस्लिम टोपी पहनने से मना कर दिया था, जो अब उनकी पार्टी की सूची में भी दिखाई दे रहा है।
जातीय समीकरण के अनुसार उम्मीदवारों की संख्या
जानें किस जाति के कितने उम्मीदवार
जदयू की सूची में जातीय समीकरण के अनुसार 12 दलित, 9 कुर्मी, 6 कुशवाहा, 3 धानुक, 6 भूमिहार, 5 राजपूत, 1 कायस्थ, 1 ब्राह्मण, 5 वैश्य और 2 निषाद जाति के उम्मीदवार शामिल हैं।
इस सूची से स्पष्ट है कि नीतीश कुमार ने यादव जाति को नजरअंदाज किया है और उनकी रणनीति में कुर्मी, कुशवाहा, धानुक, राजपूत और भूमिहार जातियों पर जोर दिया गया है।
पुरानी रणनीति का उपयोग
नीतीश ने चला पुराना कार्ड
उदाहरण के लिए, बैकुंठपुर के पूर्व विधायक मंजीत सिंह को बरौली विधानसभा से उम्मीदवार बनाया गया है, जो नीतीश कुमार के पिता द्वारा 1972 में जीती गई सीट है। इसी तरह, चित्तौड़गढ़ बरबीघा से डॉ कुमार पुष्पांजय को उम्मीदवार बनाया गया है।
मंत्री और प्रमुख उम्मीदवारों की सूची
सूची में मंत्री से लेकर हैवीवेट तक शामिल
इस पहली सूची में वर्तमान सरकार के पांच मंत्रियों को भी टिकट दिया गया है। मंत्री विजय कुमार चौधरी और श्रवण कुमार को कुर्मी बहुल क्षेत्रों से उम्मीदवार बनाया गया है। इसके अलावा, अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में अनंत सिंह, उमेश कुशवाहा, और कई अन्य शामिल हैं।
पिछले चुनावों की तुलना
2020 में नीतीश ने उतारे थे 11 मुस्लिम उम्मीदवार
2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू ने 11 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, लेकिन सभी को हार का सामना करना पड़ा था। इस बार, जदयू ने मुस्लिम उम्मीदवारों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है।