नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान: विकास मित्रों को 25 हजार रुपये भत्ता

नीतीश कुमार का नया ऐलान

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
बिहार विधानसभा चुनावों से पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। आज उन्होंने विकास मित्रों को 25 हजार रुपये भत्ता देने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, शिक्षा सेवकों को स्मार्टफोन खरीदने के लिए 10,000 रुपये देने की भी घोषणा की गई है। यह जानकारी सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा की।
सीएम नीतीश ने बताया कि बिहार महादलित विकास मिशन के तहत कार्यरत विकास मित्रों को टैबलेट खरीदने के लिए एकमुश्त 25 हजार रुपये दिए जाएंगे।
विकास मित्र कौन होते हैं?
बिहार में महादलित वर्ग को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए 2009 में बिहार महादलित विकास मिशन की स्थापना की गई थी। इस मिशन के तहत सभी पंचायतों में विकास मित्रों का चयन किया गया है। ये विकास मित्र सरकारी योजनाओं की जानकारी महादलित वर्ग के लोगों तक पहुंचाते हैं और सरकार और महादलित परिवारों के बीच एक पुल का काम करते हैं। पहले इनका मानदेय 13,700 रुपये था, जिसे अब बढ़ाकर 25,000 रुपये किया गया है।
अन्य घोषणाएं
सीएम नीतीश ने आगे कहा कि न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर चलते हुए, उनकी सरकार वंचित वर्गों के उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत है। विकास मित्रों की महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए, उन्हें टैबलेट खरीदने के लिए 25,000 रुपये दिए जाएंगे, ताकि वे कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों का डेटा संग्रह कर सकें।
न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर चलते हुए समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए हमारी सरकार लगातार काम कर रही है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग तक सरकार की विभिन्न विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में विकास मित्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसे ध्यान में रखते
— Nitish Kumar (@NitishKumar) September 21, 2025
इसके अलावा, विकास मित्रों का परिवहन भत्ता 1,900 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये और स्टेशनरी भत्ता 900 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये किया गया है। इससे उन्हें क्षेत्र भ्रमण और अन्य कार्यों में सुविधा होगी।
शिक्षा सेवकों के लिए भी राहत
सीएम नीतीश ने यह भी बताया कि महादलित, दलित, अल्पसंख्यक और अति पिछड़ा वर्ग के बच्चों को शिक्षा का लाभ पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे शिक्षा सेवकों को स्मार्टफोन खरीदने के लिए 10,000 रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा, शिक्षण सामग्री के लिए दी जाने वाली राशि को 3,405 रुपये से बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रति केंद्र प्रतिवर्ष किया जाएगा। इससे विकास मित्रों और शिक्षा सेवकों का मनोबल बढ़ेगा और वे अपने कार्यों को और बेहतर तरीके से कर सकेंगे।