नींद, तनाव और मोटापा: ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कैसे बढ़ाते हैं?

एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि नींद की कमी, तनाव और पेट के आसपास का मोटापा ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में वृद्धि का कारण बन सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन कारकों को नियंत्रित करके कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। जानें कैसे नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और सही नींद से ब्रेस्ट कैंसर से बचा जा सकता है।
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नींद, तनाव और मोटापा: ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कैसे बढ़ाते हैं?

ब्रेस्ट कैंसर और जीवनशैली के कारक

नींद, तनाव और मोटापा: ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कैसे बढ़ाते हैं?

ICMR-NCDIR द्वारा प्रस्तुत एक अध्ययन और मेटा-विश्लेषण से पता चलता है कि नींद की समस्याएं, तनाव और पेट के आसपास का मोटापा कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। भारत में, ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में हर साल लगभग 5.6 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है, जिससे 50,000 नए मामलों का सामना करना पड़ सकता है। धर्मशिला नारायणा अस्पताल की रेडिएशन ऑनकोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. कनिका सूद शर्मा से जानें कि ये कारक कैंसर के विकास में कैसे योगदान करते हैं।

नींद का महत्व
ICMR की रिपोर्ट के अनुसार, नींद की खराब गुणवत्ता, अनियमित सोने का समय और रात में रोशनी के संपर्क में रहने से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। नाइट शिफ्ट में काम करने वाले और शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में नींद से संबंधित समस्याएं अधिक देखी जाती हैं। अंतर्राष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी के अनुसार, लंबे समय तक नाइट शिफ्ट करने से ट्यूमर का विकास हो सकता है और इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है।

मोटापे का प्रभाव
पेट के आसपास की चर्बी केवल मोटापा नहीं है, बल्कि यह हार्मोनल परिवर्तन और सूजन को भी बढ़ावा देती है। पेट की चर्बी को कम करने के लिए नियमित व्यायाम करें, जैसे कि प्रतिदिन 10,000 कदम चलना। चलने से न केवल वजन कम होगा, बल्कि तनाव भी कम होगा।

तनाव का प्रभाव
लंबे समय तक तनाव में रहने से कोर्टिसोल का स्तर बढ़ता है, जो ट्यूमर के विकास में सहायक हो सकता है। तनाव से इम्यून सिस्टम भी कमजोर होता है। तनाव को प्रबंधित करना आवश्यक है, क्योंकि 40 से 50 वर्ष की आयु में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा तनाव और मोटापे से भी बढ़ सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के उपाय
ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए नींद, मोटापा और तनाव का संतुलन बनाए रखना जरूरी है। प्रतिदिन 30 मिनट की वॉक या व्यायाम करें और अपने आहार में स्वस्थ खाद्य पदार्थों को शामिल करें। नियमित समय पर सोना भी महत्वपूर्ण है।