नासिक में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ याचिका दायर

नासिक सत्र न्यायालय में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ एक याचिका दायर की गई है, जिसमें उनसे मराठी समुदाय से सार्वजनिक माफी मांगने की अपील की गई है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब दुबे ने एक वीडियो में क्षेत्रीय तनाव के संदर्भ में विवादास्पद टिप्पणी की। सुदाम कोंबाडे द्वारा दायर की गई इस याचिका ने महाराष्ट्र में राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है, खासकर आगामी नगर निगम चुनावों के मद्देनजर। क्या यह मामला और बढ़ेगा? जानें पूरी कहानी में।
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नासिक में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ याचिका दायर

भाजपा सांसद पर याचिका का मामला

नासिक सत्र न्यायालय में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ एक याचिका प्रस्तुत की गई है। यह याचिका दुबे द्वारा मराठी भाषा और समुदाय का कथित अपमान करने के कारण दायर की गई है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नासिक इकाई के अध्यक्ष सुदाम कोंबाडे ने यह याचिका लगाई है, जिसमें दुबे से महाराष्ट्र की जनता के सामने सार्वजनिक माफी मांगने की अपील की गई है। कोंबाडे ने यह कदम तब उठाया जब दुबे ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी नहीं मांगी, जिसके बाद पूरे महाराष्ट्र में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। याचिका में, कोंबाडे ने दुबे पर मराठी भाषी लोगों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया और उनसे सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त करने की मांग की। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि दुबे नासिक आएंगे, तो उन्हें सबक सिखाया जाएगा। 


विवाद की पृष्ठभूमि

यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक वीडियो सामने आया, जिसमें दुबे ने स्थानीय और प्रवासी जनसंख्या के बीच बढ़ते क्षेत्रीय तनाव के संदर्भ में कहा था कि 'आइए उत्तर प्रदेश, बिहार में हम पटक पटक के मारते हैं।' हालांकि, दुबे ने इस क्लिप में सीधे तौर पर मराठी समुदाय का उल्लेख नहीं किया, लेकिन उनकी टिप्पणी को महाराष्ट्र में क्षेत्रीय दावों के संदर्भ में एक भड़काऊ प्रतिक्रिया के रूप में देखा गया। झारखंड के गोड्डा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद दुबे ने अभी तक माफी मांगने की मांग का कोई जवाब नहीं दिया है।


राजनीतिक तनाव और आगामी चुनाव

यह कानूनी मामला शहरी महाराष्ट्र, विशेषकर मुंबई, ठाणे और नासिक जैसे शहरों में मराठी भाषी लोगों के अधिकारों और प्रतिनिधित्व पर चल रही बहस के बीच आया है, जहाँ उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे उत्तरी राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी लोग निवास करते हैं। नगर निकाय चुनावों के नजदीक आते ही, मनसे जैसे राजनीतिक दल मराठी गौरव के मुद्दे को फिर से उठाने का प्रयास कर रहे हैं और राष्ट्रीय दलों पर स्थानीय जनसंख्या की भाषाई और सांस्कृतिक पहचान की अनदेखी करने का आरोप लगा रहे हैं। सुदाम कोंबाडे का यह कानूनी कदम राजनीतिक तनाव को और बढ़ा सकता है, खासकर जब क्षेत्रीय दल नगर निगम चुनावों से पहले मराठी वोटों को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।