नाभि खिसकने के लक्षण और सुधार के उपाय

नाभि खिसकना एक सामान्य समस्या है, जो कई शारीरिक परेशानियों का कारण बन सकती है। इस लेख में, हम नाभि खिसकने के लक्षणों, इसके कारणों और विशेषज्ञ द्वारा सुझाए गए सुधार के उपायों के बारे में जानेंगे। योगासन और घरेलू उपायों के माध्यम से नाभि को संतुलित करने के सरल तरीके भी बताए गए हैं। जानें कैसे आप अपनी नाभि को सही स्थिति में ला सकते हैं और स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
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नाभि खिसकने के लक्षण और सुधार के उपाय

नाभि खिसकने पर क्या करें:

नाभि खिसकने के लक्षण और सुधार के उपाय


नाभि का महत्व: नाभि हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे आयुर्वेद और योग में ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। यह शरीर की 72,000 नाड़ियों से जुड़ी होती है।


कभी-कभी, नाभि अपनी जगह से खिसक जाती है, जिसे 'नाभि खिसकना' या 'नाभि दोष' कहा जाता है। यह गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन इससे कई शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। अच्छी बात यह है कि योग और घरेलू उपायों से इसे ठीक किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि नाभि खिसकने के लक्षण क्या हैं और इसे कैसे ठीक किया जा सकता है।


विशेषज्ञ की राय:


ग्लोबल योगा एजुकेटर डॉ. योगऋषि विश्वकेतु ने बताया कि जब नाभि खिसकती है, तो कुछ सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे:



  • लगातार पेट में दर्द या ऐंठन

  • भूख में कमी या अचानक बढ़ोतरी

  • कब्ज या दस्त

  • पेट में गैस या फूलना

  • थकान का अनुभव

  • मन में बेचैनी

  • पीठ या कमर में हल्का दर्द

  • महिलाओं में मासिक धर्म में अनियमितता और भावनात्मक असंतुलन भी हो सकता है।


नाभि खिसकने के कारण:


डॉ. योगऋषि ने बताया कि नाभि खिसकने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:



  • अचानक भारी वजन उठाना

  • एक तरफ झुककर भारी चीज उठाना

  • गिरना या चोट लगना

  • अधिक तनाव लेना

  • पेट की मांसपेशियों का कमजोर होना

  • बहुत नरम गद्दे पर सोना


नाभि खिसकने पर उपाय:


डॉ. योगऋषि के अनुसार, नाभि को संतुलित करने के लिए कई आसान उपाय हैं।


योगासन:


नाभि को सही स्थान पर लाने के लिए कुछ योगासन करें, जैसे:



  • धनुरासन: यह पेट और रीढ़ की मांसपेशियों को मजबूत करता है।

  • मंडूकासन: यह पाचन शक्ति को बढ़ाता है।

  • अर्ध मत्स्येन्द्रासन: यह शरीर में संतुलन लाता है।

  • चंद्रासन: यह शरीर के दोनों साइड्स में संतुलन लाता है।

  • अर्ध पवनमुक्तासन: यह पेट की गैस निकालने में मदद करता है।


ध्यान रखने योग्य बातें:



  • सीधे बैठें और सोते समय कमर को सपोर्ट दें।

  • एक तरफ झुककर काम न करें।

  • समय पर भोजन करें और ताजा खाना खाएं।

  • तनाव से बचें और ध्यान का अभ्यास करें।


घरेलू उपाय:


डॉ. योगऋषि ने कुछ घरेलू उपाय भी बताए हैं:



  • नाभि दबाना: नाभि के चारों ओर उंगलियों से दबाएं।

  • झटका देना: रोगी को सीधा लिटाकर एक पैर को खींचकर झटका दें।