नाभि खिसकने के कारण और उपचार: जानें कैसे करें सही

नाभि खिसकने की समस्या आजकल आम हो गई है, जो तनावपूर्ण जीवनशैली और गलत आदतों के कारण होती है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि कई बीमारियों का कारण भी बन सकती है। इस लेख में, हम नाभि खिसकने के लक्षण, इसके प्रभाव और इसे सही करने के उपायों पर चर्चा करेंगे। जानें कैसे आप अपनी नाभि को सही स्थान पर ला सकते हैं और स्वास्थ्य को बनाए रख सकते हैं।
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नाभि खिसकने के कारण और उपचार: जानें कैसे करें सही

नाभि खिसकने का परिचय

नाभि खिसकने के कारण और उपचार: जानें कैसे करें सही


आजकल की तेज़-तर्रार जीवनशैली और तनावपूर्ण माहौल के कारण नाभि चक्र अक्सर प्रभावित होता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब व्यक्ति लगातार भागदौड़ में रहता है। खेलकूद के दौरान उछलने या अचानक भारी वजन उठाने से भी नाभि खिसक सकती है। कई बार यह समस्या बचपन में भी उत्पन्न हो जाती है।


सुबह खाली पेट ज़मीन पर शवासन की मुद्रा में लेटकर नाभि में स्पंदन का अनुभव करें। यदि स्पंदन नाभि के स्थान से थोड़ा हटकर महसूस होता है, तो इसे नाभि का खिसकना कहा जाता है।


नाभि खिसकने के लक्षण और प्रभाव

नाभि खिसकने का परीक्षण: आमतौर पर पुरुषों की नाभि बाईं ओर और महिलाओं की दाईं ओर खिसकती है।


ऊपर की ओर खिसकना: यदि नाभि का स्पंदन छाती की ओर है, तो यह यकृत, प्लीहा और अग्नाशय की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है। इससे मधुमेह, अस्थमा और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।


नीचे की ओर खिसकना: यदि नाभि नीचे की ओर खिसकती है, तो यह मलाशय और गर्भाशय की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकती है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।


बाईं ओर खिसकना: इससे सर्दी, खाँसी और कफ से संबंधित रोग हो सकते हैं।


दाहिनी ओर खिसकना: इससे अग्नाशय और यकृत की कार्यक्षमता में कमी आ सकती है।


नाभि खिसकने पर क्या करें

जब नाभि खिसक जाए, तो हल्का सुपाच्य आहार देना चाहिए। मूँगदाल की खिचड़ी सबसे उपयुक्त है। अदरक का रस और शहद मिलाकर दिन में एक-दो बार देना फायदेमंद होता है।


नाभि को सही स्थान पर लाने के उपाय

गेंद का उपयोग: ज़मीन पर दरी बिछाकर एक प्लास्टिक की गेंद को नाभि के मध्य रखकर उल्टा लेटें। पांच मिनट तक इसी स्थिति में रहें।


पादांगुष्ठनासास्पर्शासन: कमर के बल लेटकर बाएं पैर को मोड़कर पकड़ें और मुंह तक लाने का प्रयास करें। यह प्रक्रिया दोनों पैरों से करें।


आंवले का आटा: नाभि के चारों ओर सूखे आंवले का आटा और अदरक का रस मिलाकर बांधें। इसे दो घंटे तक चित्त लेटे रहें।


चांदी की कड़ी: नाभि को सही करने के बाद पांव के अंगूठों में चांदी की कड़ी पहनने से भविष्य में नाभि खिसकने का खतरा कम होता है।


सोंफ और गुड़: 20 ग्राम सोंफ और गुड़ मिलाकर सुबह खाली पेट खाने से नाभि सही हो जाती है।