नाभि खिसकने के कारण और उपचार के उपाय

नाभि खिसकना एक आम समस्या है, जो तनाव और गलत जीवनशैली के कारण होती है। यह स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इस लेख में, हम नाभि खिसकने के कारण, इसके प्रभाव और उपचार के उपायों पर चर्चा करेंगे। जानें कैसे आप अपनी नाभि को सही स्थान पर ला सकते हैं और इससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं।
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नाभि खिसकने के कारण और उपचार के उपाय

नाभि खिसकने का परिचय

नाभि खिसकने के कारण और उपचार के उपाय


नाभि का खिसकना एक सामान्य समस्या है, जो अक्सर आधुनिक जीवनशैली के कारण होती है। तनावपूर्ण और प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में काम करने से नाभि चक्र प्रभावित होता है। इसके अलावा, खेलकूद के दौरान या अचानक भारी वस्तुएं उठाने से भी नाभि खिसक सकती है। कई बार यह समस्या बचपन में भी उत्पन्न हो जाती है।


नाभि खिसकने का परीक्षण

सुबह खाली पेट शवासन में लेटकर नाभि में स्पंदन महसूस करें। यदि स्पंदन नाभि के स्थान पर नहीं है, तो इसे खिसकना माना जाता है।


नाभि खिसकने के प्रभाव

नाभि का खिसकना विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। जैसे कि:



  1. ऊपर की ओर खिसकने पर: यह यकृत, प्लीहा और अग्नाशय की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है, जिससे मधुमेह और अन्य बीमारियाँ हो सकती हैं।

  2. नीचे की ओर खिसकने पर: यह मलाशय और गर्भाशय की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकता है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

  3. बाईं ओर खिसकने पर: सर्दी, जुकाम और खाँसी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।

  4. दाहिनी ओर खिसकने पर: अग्नाशय और यकृत की कार्यक्षमता में कमी आ सकती है।


नाभि खिसकने पर क्या करें

नाभि खिसकने पर हल्का सुपाच्य आहार देना चाहिए। मूँगदाल की खिचड़ी और अदरक का रस मिलाकर सेवन करना फायदेमंद होता है।


नाभि को सही स्थान पर लाने के उपाय


  1. जमीन पर दरी बिछाकर उल्टा लेटें और एक प्लास्टिक की गेंद को नाभि के नीचे रखें। कुछ मिनटों तक ऐसे ही रहें।

  2. कमर के बल लेटकर पादांगुष्ठनासास्पर्शासन करें।

  3. नाभि के चारों ओर सूखे आँवले का आटा और अदरक का रस मिलाकर बांधें।

  4. नाभि को सेट करने के बाद चांदी की कड़ी पहनें।

  5. 20 ग्राम सोंफ और गुड़ का सेवन करें।