नागदा में पुलिस की तत्परता से बची युवक की जान

मध्य प्रदेश के नागदा में एक युवक की जान पुलिस की तत्परता से बचाई गई। थाना प्रभारी अमृतलाल गवरी ने युवक को फांसी के फंदे से उतारकर CPR तकनीक का उपयोग किया, जिससे उसकी सांसें लौट आईं। परिवार ने पुलिस का आभार व्यक्त किया, यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है। जानें इस घटना के बारे में और कैसे पुलिस ने एक जीवन को बचाया।
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नागदा में पुलिस की तत्परता से बची युवक की जान

पुलिस की मुस्तैदी से बची एक जीवन

नागदा में पुलिस की तत्परता से बची युवक की जान

नागदा (उज्जैन): मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा से एक दिल को छू लेने वाली घटना सामने आई है, जहाँ पुलिस ने एक युवक की जान बचाई, जिसे उसके परिवार ने मृत मान लिया था। थाना प्रभारी अमृतलाल गवरी ने इस युवक के लिए 'देवदूत' का काम किया।

गश्त के दौरान मिली सूचना
यह घटना रविवार और सोमवार की रात करीब 2 बजे की है। थाना प्रभारी गवरी अपनी टीम के साथ नियमित गश्त पर थे, तभी एक बुजुर्ग व्यक्ति दौड़ते हुए उनके पास आया और रोते हुए बताया कि उसके बेटे ने घर के अंदर फांसी लगा ली है।

दरवाजा तोड़कर युवक को बचाया
सूचना मिलते ही गवरी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। घर का दरवाजा अंदर से बंद था, जिसे पुलिस ने तोड़ दिया। अंदर जाकर देखा तो युवक धैर्य यादव फांसी के फंदे पर लटका हुआ था। परिवार के सदस्य उसे मृत मान चुके थे और घर में कोहराम मच गया था।

CPR से लौटाईं सांसें
जहाँ परिवार ने उम्मीद छोड़ दी थी, वहीं थाना प्रभारी ने धैर्य नहीं खोया। उन्होंने युवक को फंदे से नीचे उतारा और उसकी नब्ज जांची। युवक की गंभीर स्थिति को देखते हुए, गवरी ने अपनी पुलिस ट्रेनिंग में सीखी गई CPR (Cardiopulmonary Resuscitation) तकनीक का उपयोग किया।

कुछ मिनटों तक जीवन रक्षक प्रयास करने के बाद, युवक के शरीर में हलचल हुई और उसकी सांसें वापस लौट आईं। यह देखकर परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू आ गए।

अस्पताल में भर्ती, परिजनों ने जताया आभार
सांसें लौटने के बाद, पुलिस ने तुरंत युवक को रतलाम के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहाँ उसका उपचार जारी है। टीआई अमृतलाल गवरी की तत्परता की पूरे इलाके में चर्चा हो रही है। परिजनों ने पुलिस का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अगर आज साहब नहीं होते, तो उन्होंने अपना बेटा खो दिया होता।

CPR का महत्व
CPR एक आपातकालीन चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसका उपयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति की सांस या दिल की धड़कन रुक जाती है। यह मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अंगों तक ऑक्सीजन युक्त रक्त का प्रवाह बनाए रखने में मदद करता है।