नाखूनों के रंग और बनावट से जानें स्वास्थ्य समस्याएं

नाखून केवल सौंदर्य का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि ये आपके स्वास्थ्य की स्थिति का भी संकेत देते हैं। सफेद धब्बे, पीले नाखून, कमजोर नाखून या काली रेखाएं, ये सभी आपके शरीर में गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकते हैं। इस लेख में जानें कि नाखूनों के रंग और बनावट से कौन-कौन सी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं और कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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नाखूनों के रंग और बनावट से जानें स्वास्थ्य समस्याएं

नाखूनों का स्वास्थ्य संकेत

नाखूनों के रंग और बनावट से जानें स्वास्थ्य समस्याएं


नाखून केवल सौंदर्य का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि ये आपके स्वास्थ्य की स्थिति का भी संकेत देते हैं। सफेद धब्बे, पीले नाखून, कमजोर नाखून या काली रेखाएं, ये सभी आपके शरीर में गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकते हैं। नाखूनों में होने वाले छोटे-छोटे परिवर्तन आपके अंदरूनी स्वास्थ्य की समस्याओं की ओर इशारा कर सकते हैं। जैसे कि डायबिटीज, लिवर की बीमारियाँ, थायराइड, हृदय संबंधी समस्याएं और पोषण की कमी। आइए, जानते हैं नाखूनों के रंग और बनावट से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में।


सफेद धब्बे

यदि आपके नाखूनों पर छोटे सफेद धब्बे हैं, तो यह कैल्शियम और जिंक की कमी का संकेत हो सकता है। यह समस्या आमतौर पर खराब आहार, पोषण की कमी या चोट के कारण होती है। यदि ये धब्बे बढ़ते हैं, तो चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक है।


पीले नाखून

नाखूनों का पीला होना आमतौर पर फंगल संक्रमण का संकेत है। यह समस्या उन लोगों में अधिक देखी जाती है जो नमी में अधिक समय बिताते हैं। इसके अलावा, लिवर की बीमारियाँ, थायराइड की समस्याएं या डायबिटीज भी नाखूनों के पीले होने का कारण बन सकते हैं।


काली रेखाएं

यदि आपके नाखूनों पर काली या गहरी भूरी रेखाएं हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह मेलानोमा (त्वचा कैंसर), हृदय रोग या रक्त के थक्के बनने जैसी गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकता है। यदि ये रेखाएं फैल रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


सफेद नाखून

यदि नाखून पूरी तरह से सफेद हैं, तो यह एनीमिया (खून की कमी), लिवर की बीमारी या किडनी की समस्या का संकेत हो सकता है। यह शरीर में ऑक्सीजन की कमी को भी दर्शा सकता है।


नाखूनों में दरारें और कमजोरी

यदि नाखून बार-बार टूटते हैं या उनमें दरारें पड़ती हैं, तो यह थायराइड, विटामिन-बी की कमी या डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है। इस समस्या से बचने के लिए प्रोटीन और बायोटिन युक्त आहार का सेवन करें।