नाइजीरिया में बच्चों का उत्पादन: एक भयावह सच

नाइजीरिया में एक भयावह व्यापार चल रहा है, जहां लड़कियों को जबरन गर्भवती किया जाता है और उनके बच्चों को बेचा जाता है। यह घिनौना धंधा 'बेबी फार्मिंग' के नाम से जाना जाता है। जानें कैसे कानून की आड़ में यह व्यापार फल-फूल रहा है और मानवाधिकार संगठनों के प्रयासों के बावजूद इसे समाप्त नहीं किया जा सका है।
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नाइजीरिया में बच्चों का उत्पादन: एक भयावह सच

बच्चों का उत्पादन: एक अनसुना व्यापार


जब हम फैक्ट्री का नाम सुनते हैं, तो आमतौर पर हमारे मन में एक ऐसी जगह का चित्र उभरता है, जहां बड़े पैमाने पर उत्पादों का निर्माण होता है। यह प्लास्टिक, कपड़े या खिलौनों की फैक्ट्री हो सकती है। लेकिन, अफ्रीका में एक ऐसा देश है, जहां बच्चों का उत्पादन भी किया जा रहा है।


भारत में बच्चों का जन्म लेना एक सम्मान की बात मानी जाती है, जबकि नाइजीरिया में यह स्थिति बिल्कुल अलग है। यहां लड़कियों को खेलने-कूदने की उम्र में ही जबरन गर्भवती किया जाता है। यह घिनौना व्यापार कानून की आड़ में चल रहा है, जहां 14 से 17 साल की लड़कियों को सरोगेसी के धंधे में धकेला जाता है।


इस घिनौने धंधे को 'बेबी फार्मिंग' कहा जाता है। इसमें कम उम्र की लड़कियों को अपहरण कर इस व्यापार में शामिल किया जाता है। उन्हें मजबूरन गर्भवती किया जाता है और फिर उनके बच्चों को ऊंची कीमत पर बेचा जाता है। यह व्यापार अस्पतालों और अनाथालयों में चोरी-छिपे चलाया जाता है। कई बार तो गरीबी के कारण महिलाएं खुद सरोगेट मदर बनने के लिए तैयार हो जाती हैं।


यह सच है कि इस व्यापार के बारे में लोगों को जानकारी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेबी फार्मिंग के कई मामले सामने आ चुके हैं, और मानवाधिकार संगठन इसे समाप्त करने के लिए प्रयासरत हैं। 2011 में एक रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षाकर्मियों ने एक छापे में 32 गर्भवती महिलाओं को मुक्त कराया था। नाइजीरिया में गर्भपात को अपराध माना जाता है, और इसके लिए 3 से 7 साल की सजा हो सकती है। माफिया इस तरह पैदा हुए बच्चों को बेहद कम कीमत पर बेचकर लाभ कमाते हैं।