नवी मुंबई में अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी को बरी किया
अदालत का निर्णय
नवी मुंबई की एक अदालत ने दुष्कर्म और आपराधिक धमकी के आरोप में 48 वर्षीय व्यक्ति को बरी कर दिया है। न्यायालय ने कहा कि महिला और आरोपी के बीच आपसी सहमति से संबंध थे और उन्होंने मामले को आपस में सुलझा लिया।
मामले का विवरण
बेलापुर अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सी.वी. मराठे ने 2015 के एक मामले में आरोपी हरेकृष्ण रामचंद्र साहनी को बरी करने का निर्णय सुनाया। अदालत का आदेश नौ दिसंबर को जारी किया गया था।
अभियोजन पक्ष के आरोप
अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि साहनी ने महिला की आर्थिक स्थिति का लाभ उठाते हुए उसका यौन उत्पीड़न किया। बताया गया कि महिला ने 2010 में आरोपी से 20,000 रुपये उधार लिए थे, और जब वह कर्ज चुकाने में असमर्थ रही, तो साहनी ने उसे यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया।
धमकी का आरोप
अभियोजन पक्ष ने यह भी कहा कि आरोपी ने महिला को यह चेतावनी दी थी कि यदि उसने इस बारे में किसी को बताया, तो वह उसके पति को जान से मार देगा। अभियोजन के अनुसार, साहनी ने नवंबर 2015 तक महिला का यौन शोषण किया, जिसके बाद पीड़िता ने अपने पति को घटना की जानकारी दी और दोनों ने पुलिस से संपर्क किया।
महिला की गवाही
मुकदमे के दौरान, महिला की गवाही से यह स्पष्ट हुआ कि यह संबंध सहमति से था। न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि जिरह के दौरान महिला ने बताया कि आरोपी ने उसकी सहमति से यौन संबंध बनाए थे और उन्होंने मामले को अदालत के बाहर सुलझा लिया है। अदालत ने यह भी कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह दर्शाए कि महिला के साथ जबरदस्ती की गई थी।
