नवरात्रि व्रत पारण 2025: जानें सही विधि और समय

नवरात्रि व्रत पारण

नवरात्रि व्रत पारण
नवरात्रि व्रत पारण 2025: शारदीय नवरात्रि के दौरान भक्त माता रानी की पूजा कर रहे हैं और व्रत का पालन कर रहे हैं। कुछ भक्त नवमी को व्रत का पारण करते हैं, जबकि अन्य दशमी के दिन इसे समाप्त करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, नवरात्रि व्रत का पारण विधिपूर्वक करना आवश्यक है, तभी पूजा का फल प्राप्त होता है। आइए जानते हैं कि नवरात्रि का पारण 2 अक्टूबर को कब और किस विधि से करना चाहिए।
नवरात्रि व्रत पारण (नवमी तिथि)
नवमी तिथि 1 अक्टूबर 2025, बुधवार को है। इस दिन नवमी शाम 7 बजे तक रहेगी, और कन्या पूजन के बाद आप अपना व्रत खोल सकते हैं।
नवरात्रि व्रत पारण का समय (दशमी तिथि)
नवरात्रि व्रत का पारण अष्टमी, नवमी या दशमी के दिन किया जाता है। पंचांग के अनुसार, दशमी पर 2 अक्टूबर को सुबह 6:15 बजे के बाद पारण किया जाएगा।
नवरात्रि व्रत का पारण कैसे करें?
नवरात्रि व्रत पारण के दिन, नवमी या दशमी को नौ कन्याओं को भोजन कराकर दक्षिणा और उपहार दिए जाते हैं। कन्या पूजन के बाद ब्राह्मणों को भी भोजन कराना चाहिए, और फिर प्रसाद ग्रहण कर व्रत का पारण करना चाहिए। इस दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, अन्यथा व्रत का फल नहीं मिलता।
समय का चुनाव: दशमी तिथि पर पारण करना शुभ माना जाता है।
कन्याओं को आमंत्रित करें: पारण से पहले नौ कन्याओं को घर बुलाएं।
कन्या पूजन: उनके पैर धोकर तिलक करें और उन्हें आसन पर बैठाएं। फिर उन्हें रोली, मौली, और अक्षत बांधें।
भोजन कराएं: कन्याओं को पूरी, हलवा, चने आदि का भोजन कराएं।
दक्षिणा और उपहार: भोजन के बाद उन्हें दक्षिणा और उपहार दें।
ब्राह्मणों को भोजन: अपनी सामर्थ्य के अनुसार ब्राह्मणों को भी भोजन कराएं।
व्रत का पारण: मां का भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करें और व्रत का पारण करें।
नवरात्रि व्रत पारण में ये गलतियां न करें
- पारण के दिन झूठ बोलना या गुस्सा करना न करें।
- किसी महिला या कन्या का अपमान न करें।
- मसालेदार भोजन, मांस-मदिरा आदि का सेवन न करें।
- उद्यापन करने से ही व्रत का फल प्राप्त होता है।
- पारण के लिए भोजन लहसुन-प्याज रहित होना चाहिए।
- नवमी के दिन द्वार पर आए पशु-पक्षी या जरूरतमंद को ताजा भोजन दें।