नवरात्रि में 9 औषधियाँ: माँ दुर्गा के चमत्कार का अनुभव करें
नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों में समाहित औषधियों का महत्व जानें। ये औषधियाँ न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं, बल्कि भक्ति के साथ-साथ रोगों से रक्षा करने में भी सहायक मानी जाती हैं। इस लेख में हम आपको इन औषधियों के अद्भुत गुणों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
Oct 22, 2025, 11:38 IST
|
नवरात्रि के दौरान औषधियों का महत्व
नवरात्रि के नौ दिनों में भक्ति और श्रद्धा के साथ-साथ स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी आवश्यक है। यदि आप इस दौरान दवाओं से बचना चाहते हैं, तो हम आपको उन औषधियों के बारे में बताएंगे जिनमें माँ दुर्गा का वास है।
औषधियों के अद्भुत गुण:
शारदीय नवरात्र में भक्ति के साथ-साथ स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है। इस दौरान, हम आपको नौ औषधियों के बारे में बताएंगे, जिनमें दुर्गा के नौ रूप समाहित हैं। इन औषधियों को दुर्गाकवच कहा जाता है, क्योंकि ये रोगों से रक्षा करने में सहायक मानी जाती हैं। आइए, जानते हैं इन दिव्य गुणों वाली औषधियों के बारे में।
नौ औषधियाँ और उनके लाभ
- प्रथम शैलपुत्री यानी हरड़: देवी दुर्गा का पहला रूप शैलपुत्री है। हरड़, जिसे हरितकी भी कहा जाता है, आयुर्वेद में महत्वपूर्ण औषधि है। यह कई स्वास्थ्य समस्याओं में सहायक है, जैसे कि बुखार, साइनस, और गैस्ट्रिक समस्याएँ।
- द्वितीय ब्रह्मचारिणी यानी ब्राह्मी: यह औषधि मस्तिष्क के लिए टॉनिक मानी जाती है। ब्राह्मी स्मरण शक्ति को बढ़ाने में मदद करती है और रक्त संबंधी समस्याओं को दूर करती है।
- तृतीय चंद्रघंटा यानी चन्दुसूर: यह औषधि मोटापे को कम करने में सहायक है। चंदुसूर का सेवन करने से हृदय रोगों में भी लाभ होता है।
- चतुर्थ कुष्माण्डा यानी पेठा: यह औषधि हृदय रोगियों के लिए लाभकारी है और रक्त में शर्करा को नियंत्रित करती है।
- पंचम स्कंदमाता यानी अलसी: अलसी में ओमेगा 3 और फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो कई रोगों से लड़ने में मदद करती है।
- षष्ठम कात्यायनी यानी मोइया: यह औषधि कफ और पित्त विकारों को दूर करती है।
- सप्तम कालरात्रि यानी नागदौन: यह औषधि मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है और कई बीमारियों से मुक्ति दिलाती है।
- अष्टम महागौरी यानी तुलसी: तुलसी एक प्रसिद्ध औषधि है, जो रक्त को साफ करती है और हृदय रोगों को दूर करती है।
- नवम सिद्धिदात्री यानी शतावरी: यह औषधि बुद्धि और वीर्य के लिए उत्तम मानी जाती है।