नवरात्रि का महत्व और पूजा विधि

नवरात्रि का विशेष महत्व
नवरात्रि का पर्व सनातन धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। यह त्योहार साल में चार बार मनाया जाता है, जिसमें शारदीय नवरात्रि, चैत्र नवरात्रि और गुप्त नवरात्रि शामिल हैं। इस दौरान माता जगत जननी दुर्गा की पूजा की जाती है, और भक्त अलग-अलग रूपों में माँ दुर्गा की आराधना करते हैं।
नवरात्रि कब से शुरू हो रही है

नवरात्रि की शुरुआत
इस वर्ष, शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू होकर 1 अक्टूबर तक चलेगी। यदि आप नवरात्रि के दौरान उपवास रख रहे हैं, तो आपको 9 दिनों तक कुछ नियमों का पालन करना होगा। आइए इस रिपोर्ट में विस्तार से समझते हैं।
पूजा की विधि
अयोध्या के ज्योतिषी, पंडित काल्की राम के अनुसार, नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान माता रानी की सच्चे मन से पूजा की जाती है, और मन तथा शरीर को शुद्ध रखा जाता है। इससे परिवार में सुख और शांति बनी रहती है।
पूजा की शुरुआत
घट स्थापना और संकल्प से होती है पूजा
नवरात्रि उपवास की शुरुआत घट स्थापना और संकल्प से होती है। घट स्थापना पहले दिन की जाती है, और उपवास संकल्प के साथ आरंभ होता है। नवरात्रि के दौरान हर दिन माँ दुर्गा की पूजा की जाती है।
इन चीजों का करें परहेज
गलती से भी न करें इनका उपयोग
नवरात्रि के नौ दिनों में लहसुन, प्याज और मांसाहारी भोजन से बचना चाहिए। इसके अलावा, तंबाकू, शराब और नकारात्मक आदतों से भी दूर रहना चाहिए। उपवास के दौरान स्वच्छता और सात्विकता का ध्यान रखना आवश्यक है।
जरूरतमंदों की मदद करें
जरूरतमंदों की सहायता
इसके अलावा, नवरात्रि के दौरान गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए। माता रानी की कथा सुनने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।
शारदीय नवरात्रि के दौरान माँ दुर्गा के 9 रूपों की पूजा करें और उन्हें लाल फूल, फल और वस्त्र अर्पित करें। साथ ही, दुर्गा मंत्रों का जाप करें; इससे माता रानी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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