नवरात्रि कन्या भोज थाली: देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए आवश्यक व्यंजन

नवरात्रि कन्या भोज थाली
नवरात्रि कन्या भोज थाली: नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। कन्या पूजा इस पवित्र नौ दिवसीय उत्सव के सातवें, आठवें या नौवें दिन की जाती है। इस दिन भक्त देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और कन्या भोज का आयोजन करते हैं। उपवास का तोड़ना छोटे लड़कियों को भोजन देकर किया जाता है। कन्या भोज देवी के विदाई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। इस अवसर पर देवी को प्रिय व्यंजन तैयार किए जाते हैं और उन्हें लड़कियों को परोसा जाता है। भोग तैयार करते समय कुछ नियमों का पालन करना भी आवश्यक है, तभी उपवास का पूरा लाभ मिलता है। आइए जानते हैं कि कन्या भोज में कौन से व्यंजन शामिल होने चाहिए।

कन्या भोज थाली में क्या होना चाहिए?
खीर
कन्या पूजन के दौरान खीर को विशेष महत्व दिया जाता है। चावल, दूध, चीनी और मेवों से बनी खीर देवी को प्रसन्न करने के लिए मानी जाती है। कन्या पूजन के समय उनकी थाली में खीर अवश्य परोसें।
हलवा-पूरी
कन्या पूजा के दौरान हलवा-पूरी को अनिवार्य भोग माना जाता है। इस दिन देवी दुर्गा को पूरी और सूजी का हलवा अर्पित करें। फिर इसे लड़कियों को परोसें।
उड़द दाल
उड़द दाल का नवरात्रि के भोग में विशेष महत्व है। इसे बिना प्याज और लहसुन के पकाया जाता है और पूरी के साथ परोसा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, देवी को भोग अर्पित करने में उड़द दाल का होना आवश्यक है।
फruits और मिठाइयाँ
ताजे फल और मिठाइयाँ भी देवी को अर्पित की जाती हैं। नारियल, केला और सेब जैसे फल आमतौर पर अर्पित किए जाते हैं। बताशा (मिठाइयाँ) भी भोग में शामिल की जाती हैं।
कन्या भोज के दौरान ये गलतियाँ न करें
कन्या पूजन के लिए तैयार किए गए व्यंजन पूरी तरह से शुद्ध और पवित्र होने चाहिए।
इनकी तैयारी में प्याज और लहसुन का उपयोग नहीं करना चाहिए।
यह माना जाता है कि केवल शुद्ध और सात्विक भोजन देवी को प्रिय होता है, और यही कन्या भोज को सफल बनाता है।
कन्या भोज में हलवा-पूरी, उड़द दाल, फल और मिठाइयाँ अवश्य शामिल करें।
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