नवरात्रि 2025 में अखंड ज्योति: शक्ति और साधना का पर्व

नवरात्रि 2025 का पर्व आज से शुरू हो चुका है, जिसमें अखंड ज्योति जलाने का विशेष महत्व है। यह ज्योति न केवल घर के अंधकार को दूर करती है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा का नाश भी करती है। जानें कैसे जलाएं अखंड ज्योति और यदि यह बुझ जाए तो क्या करें। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि अखंड ज्योति को जलाने के लिए कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए और इसकी विधि क्या है।
 | 

अखंड ज्योति का महत्व

शारदीय नवरात्रि का पर्व आज, 22 सितंबर 2025, सोमवार से आरंभ हो चुका है। इस दिन घटस्थापना के साथ माता दुर्गा की पूजा का आरंभ होगा। इस अवसर पर 'अखंड ज्योति' जलाने की परंपरा का विशेष महत्व है। अखंड ज्योति का अर्थ है एक ऐसी ज्योति जो न बुझने पाए या खंडित न हो। यह ज्योति नौ दिनों तक निरंतर जलती रहती है, जो घर और जीवन के अंधकार को दूर करती है और सभी नकारात्मक ऊर्जा का नाश करती है।


अखंड ज्योति कैसे जलाएं

पूजा स्थल पर दीया जलाना आवश्यक है, क्योंकि यही ज्योति होगी। इसे नवरात्रि समाप्त होने तक लगातार जलाए रखना चाहिए। हर दिन दीये में घी डालते रहें और देवी दुर्गा की पूजा में इस दीये को रखें। अखंड दीपक जलाने के लिए शुद्ध घी या तिल के तेल का उपयोग करें।


अगर अखंड ज्योति बुझ जाए तो क्या करें

अखंड ज्योति को 9 दिनों तक जलाए रखना आवश्यक है, इसलिए इसे बुझने से बचाने के लिए सतर्क रहें। समय-समय पर दीये में घी या तेल डालें और हवा से बचाने का ध्यान रखें। यदि यह ज्योति बीच में बुझ जाए, तो मां दुर्गा से क्षमा मांगें और दीपक को पुनः जला लें। अखंड ज्योति जलाते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:


“ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते।”


“दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति जनार्दन: दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नमोस्तुते।”