नक्सली कमांडर रामधर मज्जी ने पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पण

कुख्यात नक्सली कमांडर रामधर मज्जी ने अपने समूह के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। इस आत्मसमर्पण से माओवादी नेटवर्क को एक बड़ा झटका लगा है। मज्जी के साथ कई अन्य सदस्य भी शामिल थे, जिनमें महिला कार्यकर्ता भी थीं। पुलिस ने इस दौरान कई हथियारों का जखीरा बरामद किया है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और इसके क्षेत्रीय प्रभाव के बारे में।
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नक्सली कमांडर रामधर मज्जी ने पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पण

नक्सली कमांडर का आत्मसमर्पण

कुख्यात नक्सली कमांडर और सेंट्रल कमेटी के सदस्य रामधर मज्जी ने सोमवार को अपने समूह के साथ मिलकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उसे हिडमा के समान माना जाता था और उस पर एक करोड़ रुपये का इनाम था। मज्जी ने छत्तीसगढ़ के बकर कट्टा थाने में आत्मसमर्पण किया।


सीसी (सेंट्रल कमेटी) सदस्य मज्जी अपने डिवीजनल कमेटी के सदस्यों के साथ पहुंचे और एके-47 राइफल सहित कई हथियार सौंप दिए। उनके साथ एसीएम रामसिंह दादा और एसीएम सुकेश पोट्टम ने भी अपने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया।


हथियारों का जखीरा बरामद

पुलिस ने एके-47, इंसास राइफल, एसएलआर, .303 राइफल और 0.30 कार्बाइन सहित कई हथियारों का एक बड़ा जखीरा बरामद करने की पुष्टि की है। आत्मसमर्पण करने वालों में छह महिला कार्यकर्ता भी शामिल थीं, जो माओवादी आंदोलन में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती हैं।


इस समूह में लक्ष्मी, शीला, योगिता, कविता, सागर, डीवीसीएम ललिता और जानकी जैसे नाम शामिल हैं। अन्य प्रमुख नामों में डीवीसीएम चंदू उसेंडी और प्रेम भी शामिल हैं।


क्षेत्र में माओवादी नेटवर्क को झटका

अधिकारियों का कहना है कि उनके आत्मसमर्पण से क्षेत्र में माओवादी नेटवर्क को एक बड़ा झटका लगा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह समूह महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ विशेष क्षेत्रीय समिति के अंतर्गत सक्रिय था, जहां वे अपनी गतिविधियों को संचालित करते थे और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए खतरा बने हुए थे।