नक्सलवाद पर बड़ा प्रहार: माओवादी कमांडर हिडमा और पत्नी मुठभेड़ में मारे गए
माओवादी कमांडर की मौत
देश में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों को एक और महत्वपूर्ण सफलता मिली है। कुख्यात माओवादी नेता मादवी हिडमा को मुठभेड़ में मार गिराया गया है, साथ ही उसकी पत्नी राजे भी मारी गई। हिडमा ने दो दर्जन से अधिक नक्सली हमलों की योजना बनाई थी। 43 वर्षीय हिडमा को 2013 के दरभा घाटी नरसंहार और 2017 के सुकमा हमले का मुख्य आरोपी माना जाता था। हाल ही में, उसकी मां ने उसे आत्मसमर्पण करने की अपील की थी, लेकिन उसने इसे नजरअंदाज कर दिया।
मुठभेड़ का विवरण
मंगलवार सुबह, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित घने जंगल में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच एक बड़ी मुठभेड़ हुई, जिसमें छह नक्सलियों को मार गिराया गया। इस मुठभेड़ में हिडमा और उसकी पत्नी शामिल थे। आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामराजू जिले के पुलिस अधीक्षक अमित बरदार ने बताया कि यह मुठभेड़ सुबह 6:30 से 7:00 बजे के बीच मरेदुमिल्ली मंडल के वन क्षेत्र में हुई।
हिडमा का परिचय
मादवी हिडमा का जन्म 1981 में सुकमा में हुआ था। वह पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की एक बटालियन का कमांडर था और सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सबसे युवा सदस्य था। बस्तर क्षेत्र से केंद्रीय समिति में शामिल होने वाला वह एकमात्र आदिवासी सदस्य था। उसके सिर पर केंद्र और विभिन्न राज्यों द्वारा लगभग एक करोड़ रुपये का इनाम रखा गया था, जिसमें केंद्र सरकार ने 50 लाख रुपये का इनाम रखा था।
नक्सलवाद पर प्रभाव
हिडमा की मौत को नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ा झटका माना जा रहा है। सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव के बीच, बड़ी संख्या में माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं। हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया था कि 24 घंटे के भीतर 300 से अधिक माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया। माओवादी आंदोलन के प्रमुख चेहरे मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति ने भी 14 अक्टूबर को आत्मसमर्पण किया और अपने साथियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील की।
