नए साल पर स्वर्ण मंदिर की यात्रा: समय, नियम और सेवाएं

स्वर्ण मंदिर, अमृतसर में नए साल का स्वागत करने का एक अद्भुत स्थान है। यहाँ लाखों श्रद्धालु हर साल 1 जनवरी को आते हैं। इस लेख में, हम आपको स्वर्ण मंदिर के दर्शन का समय, नियम, VIP दर्शन की व्यवस्था, लंगर सेवा और दिल्ली से यात्रा के साधनों की जानकारी देंगे। इसके अलावा, अमृतसर में अन्य दर्शनीय स्थलों के बारे में भी जानेंगे। इस पवित्र स्थल की यात्रा आपके नए साल को विशेष बना सकती है।
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स्वर्ण मंदिर में नए साल का स्वागत

अगर आप नए साल की शुरुआत शांति और श्रद्धा के साथ करना चाहते हैं, तो अमृतसर का स्वर्ण मंदिर (हरमंदिर साहिब) एक आदर्श स्थान है। हर साल 1 जनवरी को, लाखों श्रद्धालु इस पवित्र स्थल पर माथा टेकने आते हैं। यह सिख धर्म का सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि सेवा और समानता का भी संदेश देता है। यदि आप नए साल पर स्वर्ण मंदिर जाने की योजना बना रहे हैं, तो यहाँ दर्शन के समय, नियम, सेवा प्रक्रिया, VIP दर्शन की जानकारी और आसपास के दर्शनीय स्थलों की जानकारी दी गई है।


स्वर्ण मंदिर का महत्व

स्वर्ण मंदिर, सिखों का सबसे पवित्र स्थल होने के साथ-साथ मानवता के लिए शांति और भाईचारे का प्रतीक है। इसे महाराजा रणजीत सिंह द्वारा सोने से ढका गया था, जिसके कारण इसे गोल्डन टेम्पल कहा जाता है। यहाँ का मुख्य आकर्षण पवित्र सरोवर के बीच स्थित गर्भगृह है, जहाँ गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ निरंतर चलता रहता है।


दर्शन का समय और नियम

स्वर्ण मंदिर के द्वार सभी धर्मों के लिए 24 घंटे खुले रहते हैं।


पालकी साहिब सेवा

सुबह लगभग 4:00 से 5:00 बजे के बीच गुरु ग्रंथ साहिब को अकाल तख्त से मुख्य मंदिर लाया जाता है, जो एक अलौकिक दृश्य होता है।


प्रवेश के नियम

मंदिर में प्रवेश से पहले सिर ढंकना आवश्यक है। यदि आपके पास रुमाल नहीं है, तो प्रवेश द्वार पर मुफ्त में स्कार्फ उपलब्ध होते हैं।


अनुशासन और नशा

जूते और मोजे उतारकर 'जोड़ा घर' में जमा करने होते हैं और नंगे पैर पानी से हाथ-पैर धोकर ही अंदर जाना होता है। परिसर में किसी भी प्रकार का नशा, सिगरेट या तंबाकू ले जाना सख्त मना है।


VIP दर्शन की व्यवस्था

स्वर्ण मंदिर में VIP दर्शन की कोई व्यवस्था नहीं है। सिख धर्म में समानता का बहुत महत्व है, इसलिए सभी को एक ही कतार में दर्शन करने होते हैं।


लंगर और कारसेवा

स्वर्ण मंदिर का लंगर दुनिया की सबसे बड़ी सामुदायिक रसोइयों में से एक है। यहाँ हर दिन हजारों लोग एक साथ भोजन करते हैं। आप यहाँ बर्तन धोने, सब्जियाँ काटने या लंगर परोसने की सेवा कर सकते हैं।


दिल्ली से स्वर्ण मंदिर कैसे पहुँचें?

दिल्ली से अमृतसर की दूरी लगभग 450 किलोमीटर है। यहाँ पहुँचने के लिए तीन प्रमुख साधन हैं:


ट्रेन से यात्रा

दिल्ली से अमृतसर के लिए कई सुपरफास्ट और शताब्दी ट्रेनें उपलब्ध हैं। यात्रा का समय लगभग 67 घंटे है।


फ्लाइट से यात्रा

दिल्ली से अमृतसर की उड़ान का समय लगभग 1 घंटा 15 मिनट है। एयरपोर्ट से स्वर्ण मंदिर की दूरी लगभग 13 किमी है।


सड़क मार्ग से यात्रा

आप अपनी कार या वोल्वो बस से NH44 के जरिए जा सकते हैं। दूरी लगभग 450 किमी है और समय लगभग 89 घंटे है।


अमृतसर में अन्य दर्शनीय स्थल

जलियांवाला बाग, वाघा बॉर्डर, दुर्गियाना मंदिर और विभाजन संग्रहालय जैसे स्थल अमृतसर में देखने लायक हैं।


स्वर्ण मंदिर का धार्मिक महत्व

स्वर्ण मंदिर को हरमंदिर साहिब भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है, ईश्वर का घर। यह सिख धर्म के पांचवें गुरु गुरु अर्जन देव जी द्वारा स्थापित किया गया था। यहाँ चार द्वार हैं, जो सभी जातियों और धर्मों के लोगों का स्वागत करते हैं।