नए साल की पूर्व संध्या पर डिलीवरी वर्कर्स की हड़ताल, सेवाओं पर पड़ेगा असर
नए साल का जश्न और डिलीवरी सेवाओं में बाधा
साल 2025 का अंत नजदीक है, और नए साल 2026 का स्वागत करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। इस बीच, ऑनलाइन शॉपिंग और पार्टियों की तैयारियों में शामिल लोगों को एक बड़ा झटका लग सकता है। स्विगी, जोमैटो, अमेजन, और फ्लिपकार्ट जैसे सभी डिलीवरी वर्कर्स ने नए साल की पूर्व संध्या पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। इससे नए साल की पार्टी के लिए खाना ऑर्डर करने और ऑनलाइन डिलीवरी में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
हड़ताल का प्रभाव किन शहरों में होगा?
तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन और इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-आधारित ट्रांसपोर्ट वर्कर्स के आह्वान पर यह हड़ताल हो रही है। इसके चलते दिल्ली, मुंबई, पुणे, कोलकाता और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में सेवाओं पर असर पड़ने की संभावना है। इसके अलावा, लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, इंदौर और पटना जैसे टियर-2 शहरों में भी डिलीवरी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
1 लाख से अधिक वर्कर्स की हड़ताल
महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली एनसीआर, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सहित कई क्षेत्रीय यूनियनों ने इस हड़ताल में भाग लिया है। इनका दावा है कि देशभर में 1 लाख से अधिक डिलीवरी वर्कर्स ऐप पर ऑनलाइन नहीं रहेंगे या केवल थोड़े समय के लिए सक्रिय रहेंगे।
हड़ताल के कारण
इस तरह की हड़ताल पहले भी क्रिसमस के दिन की गई थी। यूनियन का कहना है कि गिग वर्कर्स की मांगों में वृद्धि के बावजूद उनकी कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं हो रहा है। कंपनियां न तो उन्हें उचित वेतन दे पा रही हैं और न ही सुरक्षा की गारंटी मिल रही है। डिलीवरी वर्कर्स की खराब स्थिति को लेकर यह हड़ताल आयोजित की गई है।
गिग वर्कर्स की मांगें
वर्कर्स ने 9 प्रमुख मांगें रखी हैं, जिनमें फेयर और ट्रांसपेरेंट वेतन स्ट्रक्चर लागू करने, 10 मिनट डिलीवरी मॉडल को बंद करने, बिना प्रक्रिया के आईडी ब्लॉक और पेनल्टी पर रोक लगाने, सुरक्षा के लिए आवश्यक गियर और उपाय प्रदान करने, और सभी को समान काम मिलने की मांग शामिल है।
गिग वर्कर्स कौन हैं?
डिलीवरी से जुड़े कामगारों को गिग वर्कर्स कहा जाता है। ये अस्थायी रूप से काम करके अपनी आमदनी करते हैं। आईटी से लेकर ई-कॉमर्स तक, गिग वर्कर्स का योगदान महत्वपूर्ण है, लेकिन इन्हें अक्सर उचित मेहनताना और सुरक्षा नहीं मिलती।
