नए कॉलर पहचान प्रणाली से ठगी पर लगेगी रोक, जानें कैसे होगा फायदा

TRAI और DoT ने एक नई कॉलर पहचान प्रणाली लागू की है, जिससे अनजान नंबर से आने वाले कॉल्स पर कॉलर का नाम भी दिखाई देगा। यह कदम धोखाधड़ी कॉल्स और डिजिटल स्कैम को रोकने के लिए उठाया गया है। उपयोगकर्ताओं को अब कॉल रिसीव करने से पहले कॉलर की पहचान पता चल जाएगी, जिससे वे फर्जी कॉल्स से बच सकेंगे। जानें इस प्रणाली के कार्य करने का तरीका और इसके लाभ।
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नए कॉलर पहचान प्रणाली से ठगी पर लगेगी रोक, जानें कैसे होगा फायदा

कॉलर का नाम और नंबर एक साथ दिखेगा

नए कॉलर पहचान प्रणाली से ठगी पर लगेगी रोक, जानें कैसे होगा फायदा

TRAI और DoT ने मिलकर ‘Calling Name Presentation’ (CNAP) नामक इस सुविधा को लागू करने का फैसला लिया है.

कॉलर का नाम मोबाइल स्क्रीन पर: यदि आप बार-बार अनचाहे कॉल और धोखाधड़ी के डर से परेशान हैं, तो आपके लिए यह एक अच्छी खबर है। अब जब भी आपको किसी अनजान नंबर से कॉल आएगा, तो आपको घबराने की आवश्यकता नहीं होगी। जल्द ही आपके मोबाइल की स्क्रीन पर कॉलर का नाम और नंबर दोनों दिखाई देंगे। यह कदम टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI और दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा देशभर में धोखाधड़ी कॉल और डिजिटल स्कैम को रोकने के लिए उठाया गया है.

नया सिस्टम कैसे कार्य करेगा

TRAI और DoT ने मिलकर Calling Name Presentation (CNAP) नामक इस सुविधा को लागू करने का निर्णय लिया है। जब भी किसी उपयोगकर्ता को कॉल आएगी, तो स्क्रीन पर उस व्यक्ति का नाम और नंबर दोनों प्रदर्शित होंगे। यह नाम टेलीकॉम कंपनियों के पास मौजूद KYC डेटा से लिया जाएगा। यह सुविधा डिफॉल्ट रूप से सक्रिय रहेगी, यानी सभी उपयोगकर्ताओं को यह अपने आप मिलेगी। हालांकि, यदि कोई इसे नहीं चाहता, तो वह इसे बंद करवा सकता है.

DoT और TRAI के बीच सहमति कैसे बनी

फरवरी 2024 में TRAI ने DoT को CNAP सेवा पर सुझाव दिया था कि यह सुविधा केवल उन उपयोगकर्ताओं को दी जाए जो इसकी मांग करें। लेकिन DoT ने सुझाव दिया कि इसे सभी के लिए डिफॉल्ट रूप से उपलब्ध कराया जाए। अंततः TRAI ने DoT की सिफारिश को स्वीकार कर लिया और अब दोनों एजेंसियों के बीच इस निर्णय पर सहमति बन गई है। पिछले साल मुंबई और हरियाणा सर्किल में इसका सफल परीक्षण भी किया गया था.

यह बदलाव क्यों आवश्यक है

देशभर में बढ़ते धोखाधड़ी कॉल, डिजिटल अपराध और साइबर क्राइम की घटनाओं को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। कॉल रिसीव करने से पहले उपयोगकर्ता को कॉलर की पहचान पता चल जाएगी, जिससे फर्जी कॉल्स को तुरंत पहचाना जा सकेगा। यह प्रणाली स्कैम कॉल्स, बैंकिंग धोखाधड़ी और झूठे ऑफर देने वाले कॉलर्स से उपयोगकर्ताओं को बचाने में मदद करेगी.

किसे मिलेगी इस नियम से छूट

TRAI ने स्पष्ट किया है कि जिन उपयोगकर्ताओं ने Calling Line Identification Restriction (CLIR) सुविधा ली है, उनके नाम कॉल स्क्रीन पर नहीं दिखेंगे। यह सुविधा कुछ विशेष उपभोक्ताओं, सरकारी खुफिया एजेंसियों और आवश्यक अधिकारियों को दी जाती है। कॉल सेंटर, टेलीकॉलर और बल्क कनेक्शन उपयोगकर्ताओं को इस नियम से कोई छूट नहीं मिलेगी.

स्पैम कॉल्स और धोखाधड़ी से बचने के उपाय

स्पैम कॉल्स अक्सर अनजान नंबर से आती हैं जो उपयोगकर्ताओं को लोन, क्रेडिट कार्ड या नकली ऑफर देने का लालच देती हैं। ऐसे कॉल्स उठाने से बचें और कभी भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। यदि कोई कॉलर खुद को बैंक या सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताकर जानकारी मांगता है, तो तुरंत कॉल काट दें और संबंधित संस्था के आधिकारिक नंबर पर संपर्क करें. याद रखें, किसी भी असली संस्था की ओर से जानकारी मांगने से पहले ईमेल या संदेश भेजा जाता है.