नई राष्ट्रीय सहकारी नीति का अनावरण: अमित शाह का दृष्टिकोण

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को नई राष्ट्रीय सहकारी नीति का अनावरण किया, जो पिछले 23 वर्षों से लागू नीति का स्थान लेगी। यह नीति भारत के सहकारिता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। शाह ने बताया कि इस नीति का उद्देश्य लोगों, गाँवों और कृषि को केंद्र में रखकर एक विकसित भारत का निर्माण करना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मोदी सरकार 2027 तक भारत को विश्व के तीसरे सबसे बड़े अर्थतंत्र में बदलने का लक्ष्य प्राप्त करेगी।
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नई राष्ट्रीय सहकारी नीति का अनावरण: अमित शाह का दृष्टिकोण

नई सहकारी नीति का महत्व

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को एक नई राष्ट्रीय सहकारी नीति का अनावरण किया, जो पिछले 23 वर्षों से लागू नीति का स्थान लेगी। यह नीति उस विभाग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी, जिसकी भूमिका नरेंद्र मोदी सरकार के तहत लगातार बढ़ रही है। सहकारिता मंत्रालय के अनुसार, यह नई नीति देश में सहकारिता को मजबूत करने के केंद्र के उद्देश्य का हिस्सा है और 2025 से 2045 तक भारत के सहकारिता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी.


अमित शाह का बयान

अमित शाह ने कहा कि आज राष्ट्रीय सहकारिता नीति-2025 का शुभारंभ हुआ है। उन्होंने बताया कि 2002 में भारत सरकार ने सहकारिता नीति पेश की थी, और अब 2025 में भाजपा सरकार द्वारा दूसरी सहकारी नीति लाई गई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का दृष्टिकोण भारत के विकास को समझता है, और सहकारी क्षेत्र को महत्व देने की आवश्यकता है। यदि देश की मूल इकाई समृद्ध और संतुष्ट है, तो आर्थिक मॉडल कभी विफल नहीं हो सकता.


लोगों के लिए केंद्रित नीति

शाह ने जोर देकर कहा कि नई सहकारी नीति बनाते समय लोगों, गाँवों, कृषि, महिलाओं, दलितों और आदिवासियों को ध्यान में रखा गया है। इसका विज़न 2047 तक एक विकसित भारत का निर्माण करना है, जिसमें पेशेवर, पारदर्शी और आर्थिक रूप से स्वतंत्र सहकारी इकाइयाँ विकसित करना शामिल है। उन्होंने कहा कि हर गाँव में कम से कम एक सहकारी संस्था स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है.


भारत का आर्थिक लक्ष्य

गृह मंत्री ने बताया कि मोदी सरकार ने 2027 तक भारत को विश्व के तीसरे सबसे बड़े अर्थतंत्र बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हम इस लक्ष्य को अवश्य प्राप्त करेंगे। उनका मानना है कि सामूहिक विकास और समविकास के माध्यम से देश का विकास संभव है, और यही भाजपा का मूल विचार है.


सहकारी क्षेत्र की उपलब्धियाँ

शाह ने कहा कि पिछले चार वर्षों में सहकारिता मंत्रालय ने कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जिनमें सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि आज देश की छोटी से छोटी सहकारी इकाई का सदस्य गर्व के साथ खड़ा हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सहकारी क्षेत्र को अब 'कॉर्पोरेट सेक्टर' के समान अधिकार मिले हैं, और सहकारिता का भविष्य उज्ज्वल है.