धौलपुर के भिरामद गांव में पेयजल संकट: पाइपलाइन के बावजूद पानी की अनुपलब्धता

भिरामद गांव में जल संकट की गंभीरता
धौलपुर, 9 अक्टूबर 2025 (विशेष रिपोर्ट): राजस्थान के धौलपुर जिले के सरमथुरा तहसील के भिरामद गांव के निवासी वर्षों से स्वच्छ पेयजल की कमी का सामना कर रहे हैं। जल जीवन मिशन (जेजीएम) के तहत कई साल पहले पाइपलाइन और नल स्थापित किए गए थे, लेकिन आज तक एक बूंद पानी भी नहीं आया है। इसके विपरीत, आस-पास के गांवों जैसे दुर्गुसी, खुर्दिया और धनेरा में नियमित जल आपूर्ति हो रही है। ग्रामीणों की बार-बार की गई शिकायतों के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे यह मामला मानवाधिकार उल्लंघन का रूप ले चुका है।
गांव के किसान हरि सिंह ने हाल ही में राजस्थान संपर्क पोर्टल, एसडीएम सरमथुरा और जिला कलेक्टर धौलपुर को ईमेल के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कराई है। हरि सिंह ने कहा, “हमारे गांव में जेजीएम योजना के तहत लाखों रुपये खर्च कर पाइप और नल लगाए गए, लेकिन पानी की आपूर्ति कभी शुरू नहीं हुई। बच्चे और बुजुर्ग तालाबों का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। आस-पास के गांवों में तो रोजाना पानी आता है, लेकिन हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा। यह हमारे बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन है।”
धौलपुर जिले में पेयजल संकट कोई नई समस्या नहीं है। गर्मियों में, सरमथुरा उपखंड के डांग क्षेत्र के निवासी पानी लाने के लिए लंबी दूरी तय करने को मजबूर होते हैं। हाल के वर्षों में पार्वती नदी के कैचमेंट क्षेत्र में भारी बारिश के कारण बाढ़ आई, लेकिन सूखे के मौसम में पेयजल की कमी और भी बढ़ जाती है। जिला प्रशासन ने सरमथुरा ब्लॉक के 117 गांवों में जल आपूर्ति योजनाओं को मजबूत करने का दावा किया है, लेकिन भिरामद जैसे गांवों में यह सुविधा अब तक नहीं पहुंची है।
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार तहसील और जिला स्तर पर शिकायतें की हैं, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला है। गर्मियों में यह यात्रा जानलेवा हो जाती है। सरकार की योजनाएं केवल कागजों पर ही सीमित रह गई हैं।”
जिला कलेक्टर कार्यालय से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। एसडीएम सरमथुरा ने फोन पर कहा कि शिकायत की जांच की जाएगी और जल्द ही समाधान किया जाएगा। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे आश्वासन पहले भी मिल चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि धौलपुर जैसे क्षेत्रों में भूजल स्तर में गिरावट और पाइपलाइन में तकनीकी खामियों के कारण ऐसी समस्याएं बढ़ रही हैं।
यह मामला न केवल स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि ग्रामीण भारत में जल संकट की गंभीरता को भी दर्शाता है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे सामूहिक रूप से धरना देंगे। जिला प्रशासन को अब तत्काल कार्रवाई करनी होगी ताकि भिरामद के लोग भी स्वच्छ पानी का अधिकार प्राप्त कर सकें।