धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व परियोजना के खिलाफ महापंचायत का आयोजन

धौलपुर और करौली में प्रस्तावित टाइगर रिजर्व परियोजना के खिलाफ आज एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया गया। इस सभा में हजारों लोगों ने भाग लिया और स्थानीय निवासियों पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के बारे में चर्चा की। वक्ताओं ने परियोजना को संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की। रैली के दौरान एक ज्ञापन भी सौंपा गया, जिसमें क्षेत्र को संविधान की पांचवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की गई। आयोजकों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
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धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व परियोजना के खिलाफ महापंचायत का आयोजन

महापंचायत का आयोजन

धौलपुर, 24 सितंबर 2025: धौलपुर और करौली जिलों में प्रस्तावित टाइगर रिजर्व परियोजना के विरोध में आज सरमथुरा के कन्हैया पैलेस में एक बड़ी महापंचायत और रैली का आयोजन किया गया। इस महापंचायत में क्षेत्र के विभिन्न समुदायों के हजारों लोग शामिल हुए, जिन्होंने एकजुट होकर इस परियोजना के खिलाफ अपनी आवाज उठाई।


स्थानीय लोगों पर प्रभाव

महापंचायत में वक्ताओं ने टाइगर रिजर्व परियोजना के स्थानीय निवासियों पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस परियोजना से गरीब लोगों की आजीविका पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। स्थानीय लोग मुख्य रूप से कृषि, खेतिहर मजदूरी और खनन कार्यों पर निर्भर हैं। परियोजना के कारण उनकी कृषि भूमि का अधिग्रहण, पशुओं के चारागाह का समाप्त होना और जल, जंगल, जमीन के अधिकारों का हनन होने का खतरा है। वक्ताओं ने इसे संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए कहा कि यह परियोजना लोगों को उनकी पुश्तैनी भूमि से बेदखल कर देगी, जो अस्वीकार्य है।


संविधान की पांचवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग

सभा में यह भी मांग उठाई गई कि धौलपुर-करौली क्षेत्र को संविधान की पांचवीं अनुसूची में शामिल किया जाए और वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत पात्र लोगों को पट्टे दिए जाएं। इसके साथ ही, गांव स्तर पर 11 सदस्यीय ग्राम संघर्ष समितियों और तहसील व जिला स्तर पर ‘गांव बचाओ, जमीन बचाओ’ संघर्ष समितियों के गठन का निर्णय लिया गया।


रैली का आयोजन

महापंचायत के बाद एक विशाल रैली निकाली गई, जो कन्हैया पैलेस से शुरू होकर सरमथुरा के एसडीएम कार्यालय तक पहुंची। रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने महामहिम राष्ट्रपति, राज्यपाल, प्रधानमंत्री, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री और राजस्थान सरकार के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में टाइगर रिजर्व परियोजना को रद्द करने और क्षेत्र को पांचवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की गई।


महापंचायत की अध्यक्षता

सभा की अध्यक्षता गेलरी सरपंच श्री सीताराम ने की, जबकि मंच संचालन श्री मोहन सिंह गुर्जर, जगदीश रावत और काँसोटीखेड़ा ने किया। महापंचायत में मोहन सिंह गुर्जर, सुरेश चंद सेन (जिला अध्यक्ष, सेन समाज), डॉ. रामस्वरूप, सियाराम मीना (पूर्व डीईओ), रामेश्वर दयाल खिन्नौट, किशन सिंह सरपंच, रामपति (पूर्व बैंक मैनेजर), अचल सिंह गुर्जर, द्वारिका ठेकेदार, भुट्टो खान, वचन सिंह सरपंच, संजय कुमार जाटव (विधायक), गुरप्रीत सिंह सांगा, लोकेश फोगाट, अजय दिगोड़ी (पत्रकार) सहित हजारों गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।


आंदोलन की चेतावनी

अंत में, सभापति के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ महापंचायत और रैली का समापन हुआ। आयोजकों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने टाइगर रिजर्व परियोजना को रद्द नहीं किया, तो ‘गांव बचाओ, जमीन बचाओ’ आंदोलन को और तेज किया जाएगा।