धेमाजी में मिजिंग संगठनों का ST दर्जा देने के खिलाफ प्रदर्शन

धेमाजी में मिजिंग संगठनों ने ताई-आहोम और अन्य पांच समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। हजारों सदस्यों ने मशाल जुलूस निकाले और सरकार से अपील की कि इस कदम से मौजूदा ST समुदायों के अधिकार प्रभावित होंगे। प्रदर्शनकारियों ने इसे एक राजनीतिक साजिश करार दिया और कहा कि वे इसे सहन नहीं करेंगे। जानें इस मुद्दे पर उनके तर्क और चिंताएं।
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धेमाजी में मिजिंग संगठनों का ST दर्जा देने के खिलाफ प्रदर्शन

मिजिंग संगठनों का विरोध


धेमाजी, 26 नवंबर: धेमाजी के मिजिंग संगठनों ने ताई-आहोम और अन्य पांच समुदायों को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग का जोरदार विरोध किया है।


मिजिंग संगठनों के हजारों सदस्यों और समर्थकों, जिनमें TMPK (छात्र संगठन), MMK (कार्य समिति) और TMMK (महिला संगठन) शामिल हैं, ने जिले के विभिन्न मिजिंग-प्रभुत्व वाले गांवों में मशाल जुलूस निकाले। प्रदर्शनकारियों ने ताई-आहोम, मोरान, मातक, कोच-राजबोंगशी और चाय जनजातियों (आदिवासी) को ST का दर्जा देने के खिलाफ नारे लगाए।


मिजिंग संगठनों ने राज्य सरकार से अपील की है कि इन समुदायों को ST का दर्जा देने के लिए कोई कदम न उठाया जाए, क्योंकि इससे मौजूदा ST समुदायों के संवैधानिक अधिकार और आरक्षण के अवसर प्रभावित होंगे।


प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ताई-आहोम और अन्य पांच समूहों को ST का दर्जा देने का प्रयास मौजूदा ST समुदायों के अधिकारों और आरक्षण के अवसरों को नष्ट करने के लिए एक राजनीतिक साजिश है। उन्होंने कहा कि वे ऐसी गतिविधियों को कभी सहन नहीं करेंगे।