धुबरी में कोच-राजबोंगशी प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के बाद पुलिस में बड़ा फेरबदल

धुबरी जिले में कोच-राजबोंगशी प्रदर्शनकारियों पर हाल ही में हुए लाठीचार्ज ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। इस घटना में सौ से अधिक लोग घायल हुए, जिसके बाद असम सरकार ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को स्थानांतरित कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने एसटी स्थिति और अलग राज्य की मांग की है। सरकार ने मामले की जांच के लिए DIG स्तर की टीम का गठन किया है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और पुलिस प्रशासन में हुए बदलावों के बारे में।
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धुबरी में कोच-राजबोंगशी प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के बाद पुलिस में बड़ा फेरबदल

धुबरी में हालात बिगड़े


धुबरी जिले में हालात उस समय बिगड़ गए जब गोलकगंज में कोच-राजबोंगशी प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया, जिससे सौ से अधिक लोग घायल हो गए और जनता में भारी आक्रोश फैल गया। इस घटना के बाद असम सरकार ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) लीना डोले को स्थानांतरित कर दिया।


प्रदर्शन का कारण

यह हिंसक कार्रवाई 10 सितंबर की शाम को हुई, जब ऑल कोच-राजबोंगशी स्टूडेंट्स यूनियन (AKRSU) ने एसटी स्थिति और अलग राज्य की मांग को लेकर 'जोर समादल' का आयोजन किया। चिलराई कॉलेज से गोलकगंज बाजार की ओर बढ़ते हुए रैली को पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने रोक दिया। इसके बाद झड़प हुई, जिसके परिणामस्वरूप सुरक्षा बलों ने लाठीचार्ज किया, जिसे गवाहों ने 'बेतरतीब और क्रूर' बताया। महिलाओं को पीटा गया, कई प्रदर्शनकारियों को सड़क के किनारे के तालाबों में धकेल दिया गया, और कई लोग सड़क पर खून से लथपथ पड़े रहे।


बंद का आह्वान

एक सौ से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हुए और कई को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके तुरंत बाद, AKRSU ने 12 घंटे का धुबरी बंद का आह्वान किया, जिससे गोलकगंज, अगोमनी, सगोलिया और आसपास के क्षेत्रों में जीवन ठप हो गया। सड़कें अवरुद्ध रहीं, स्कूल और बाजार बंद रहे, और सर्कल ऑफिस भी बंद कर दिया गया। अगोमनी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में, बंद समर्थकों ने कक्षाओं को बंद करने के लिए शिक्षकों और छात्रों को वापस भेज दिया।


सरकार की प्रतिक्रिया

सरकार ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। मंत्री जयंत मल्ला बरुआ धुबरी पहुंचे, घायलों से मिले और गोलकगंज के डीसी को निलंबित करने की घोषणा की। उन्होंने यह भी बताया कि एक DIG स्तर की जांच का आदेश दिया गया है, जिसकी रिपोर्ट पांच दिनों के भीतर अपेक्षित है।


पुलिस प्रशासन में फेरबदल

गुरुवार रात, जिला पुलिस प्रशासन ने व्यापक फेरबदल किया। निरीक्षक नवज्योति रॉय को गोलकगंज का सर्कल इंस्पेक्टर नियुक्त किया गया, जबकि सर्कल इंस्पेक्टर रतुल हलोई को गोलकगंज से बिलासिपारा भेजा गया। गौरिपुर पुलिस स्टेशन में भी बड़े बदलाव हुए, जिसमें SI ज्योति प्रसाद दास को उसका OC बनाया गया। यह फेरबदल गोलकगंज हिंसा से जुड़े अधिकारियों को हटाने के प्रयास के रूप में देखा गया।


SSP का स्थानांतरण

हालांकि, प्रदर्शनकारियों की सबसे बड़ी मांग SSP लीना डोले का हटाना था, जिन पर स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रहने और पुलिस की ज्यादतियों की अनुमति देने का आरोप लगाया गया। शुक्रवार को गृह (A) विभाग ने डोले को असम पुलिस मुख्यालय, उलुबाड़ी, गुवाहाटी में स्थानांतरित करने का नोटिफिकेशन जारी किया। 4वीं APBn के कमांडेंट, देबाशीष बोरा को SSP, धुबरी का अस्थायी प्रभार दिया गया।


प्रदर्शनकारियों की प्रतिक्रिया

जिले के शीर्ष पुलिस अधिकारी का स्थानांतरण व्यापक प्रदर्शनों का प्रत्यक्ष परिणाम माना जा रहा है। AKRSU ने इस निर्णय का स्वागत किया, लेकिन चेतावनी दी कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक न्याय नहीं मिलता और जिम्मेदार लोगों को दंडित नहीं किया जाता। छात्र संगठन के नेताओं ने कोच-राजबोंगशी समुदाय के लिए अनुसूचित जनजाति की स्थिति और अलग राज्य की अपनी मूल मांगों को भी दोहराया।