धीरेंद्र शास्त्री का हिंदू राष्ट्र के लिए नया दृष्टिकोण

धीरेंद्र शास्त्री का पदयात्रा का ऐलान

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
बागेश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। वे हिंदू समुदाय की एकता को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली से वृंदावन तक एक पदयात्रा करने का निर्णय लिया है। इस यात्रा का उद्देश्य हिंदू राष्ट्र के सपने को साकार करना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हर गांव, गली और नुक्कड़ पर जाकर लोगों को जागरूक करना होगा।
उन्होंने जातिवाद के खिलाफ अपनी बात रखते हुए कहा कि हमें इस देश में हिंदू, हिंदुत्व और हिंदुस्तान का सम्मान करना चाहिए। वे मुसलमानों और ईसाइयों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हिंदुओं की संख्या में कमी और उनके प्रति हो रहे अत्याचारों की चिंता जताई। उन्होंने कहा कि केवल वाहनों से यात्रा करने से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा, बल्कि लोगों के बीच जाकर जागरूकता फैलानी होगी। इसीलिए, वे 7 से 16 नवंबर तक यह यात्रा करेंगे।
#WATCH | In an interview with a media channel, Spiritual leader Dhirendra Shastri says, “… We want no poison to be spread in the name of casteism… We want Hindus, Hindutva, and Hindustan to be celebrated in this country. We are not against Muslims or Christians. We cannot compensate for pic.twitter.com/gYfDY7WAA6
— Media Channel (@MediaChannel) October 15, 2025
उन्होंने जातिवाद के मुद्दे पर कहा कि देश में जातियों के नाम पर लड़ाइयां हो रही हैं, जबकि सभी भारतीय हैं। उन्होंने कहा कि हमें देश के विकास के लिए एकजुट होना चाहिए और विचारों की क्रांति की आवश्यकता है। जातियों का होना ठीक है, लेकिन जातिवाद नहीं होना चाहिए।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि आज धर्म और जाति के नाम पर लड़ाई हो रही है, जिससे देश का विकास प्रभावित हो रहा है। उन्होंने जाति, धर्म और क्षेत्रवाद के झगड़ों से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद को प्राथमिकता देने का आह्वान किया।
पटाखों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि प्रदूषण की चिंता सही है, लेकिन यह केवल हिंदू त्योहारों पर ही क्यों लागू किया जाता है? उन्होंने कहा कि अगर हिंदुओं को निशाना बनाया जाएगा, तो यह उनके लिए अस्वीकार्य होगा।
इसके अलावा, उन्होंने 'आई लव मोहम्मद' के विवाद पर कहा कि उन्हें इससे कोई समस्या नहीं है, लेकिन 'आई लव महादेव' पर भी किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विचारों की लड़ाई में विश्वास रखते हैं, न कि तलवारों की।