धीरेंद्र शास्त्री का मथुरा में हनुमान चालीसा पाठ का ऐलान, बाबरी मस्जिद पर तीखी प्रतिक्रिया
धीरेंद्र शास्त्री की नई घोषणा

बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर अपने बयानों के कारण सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद और बंगाल में बाबरी मस्जिद के कथित पुनर्निर्माण पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मुंबई में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबा बागेश्वर ने कहा कि हिंदू अब चुप नहीं रहेंगे और यदि इतिहास को दोहराने की कोशिश की गई, तो उसका जवाब भी वैसा ही मिलेगा।
मथुरा में हनुमान चालीसा का पाठ
‘कृष्ण लला आएंगे, माखन मिश्री खाएंगे’
अयोध्या के बाद, धीरेंद्र शास्त्री का ध्यान अब मथुरा की ओर है। उन्होंने एक नया नारा देते हुए घोषणा की कि वे जल्द ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि के निकट विशाल हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए जाएंगे। हालांकि, सुरक्षा कारणों से उन्होंने अभी तारीख का खुलासा नहीं किया है। पिछले महीने, उन्होंने दिल्ली से मथुरा तक की एक बड़ी पदयात्रा पूरी की थी।
बाबरी मस्जिद विवाद पर बोलते हुए, उन्होंने बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण की खबरों पर नाराजगी जताई और इसे विदेशी आक्रांताओं की साजिश बताया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि देश में दोबारा बाबरी मस्जिद बनाने की कोशिश की गई, तो हिंदू 1992 की घटना को दोहराने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि जो लोग राम मंदिर की जगह अस्पताल बनाने की सलाह देते थे, वे अब चुप क्यों हैं?
बाबरी मस्जिद पर स्पष्ट बयान
बाबरी बनी तो बाबा आएगा
बाबा बागेश्वर ने स्पष्ट कहा कि जब तक वे जीवित रहेंगे, हिंदू और हिंदुत्व के लिए लड़ते रहेंगे। यदि बाबरी मस्जिद का नाम लिया गया, तो वे खुद बंगाल जाएंगे, क्योंकि जहां बाबरी का नाम आएगा, वहां बाबा जरूर पहुंचेंगे। उन्होंने कश्मीर से लेकर बंगाल तक हिंदुओं के खिलाफ बोलने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही।
1992 की घटना का संदर्भ
क्या हुआ था 1992 में?
पंडित धीरेंद्र शास्त्री जिस 1992 का उल्लेख कर रहे हैं, वह भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में लाखों कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को ध्वस्त कर दिया था। इस घटना के बाद राम मंदिर आंदोलन ने एक निर्णायक मोड़ लिया, जिसका परिणाम आज भव्य राम मंदिर के रूप में सामने है।
