धर्मेंद्र की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर, वेंटिलेटर पर हैं अभिनेता

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर है। 89 वर्षीय अभिनेता वर्तमान में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। उन्हें हाल ही में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी स्थिति को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। धर्मेंद्र का 90वां जन्मदिन 8 दिसंबर को है, और वह अपनी आगामी फिल्म 'इक्कीस' में नजर आएंगे, जो अरुण खेत्रपाल की जीवनी पर आधारित है। जानें उनके करियर की उपलब्धियों और हालिया स्वास्थ्य अपडेट के बारे में।
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धर्मेंद्र की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर, वेंटिलेटर पर हैं अभिनेता

धर्मेंद्र की स्वास्थ्य स्थिति


मुंबई, 10 नवंबर: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र, जिनकी उम्र 89 वर्ष है, वर्तमान में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।


कुछ दिन पहले उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सूत्रों के अनुसार, उनकी स्थिति गंभीर है और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है।


31 अक्टूबर को, धर्मेंद्र को अस्पताल में सख्त चिकित्सा निगरानी में रखा गया था। उनकी बीमारी का सटीक कारण स्पष्ट नहीं है; हालांकि, सूत्रों ने बताया कि वह नियमित जांच के लिए अस्पताल गए थे और तब से वहां अतिरिक्त परीक्षणों के लिए रह रहे हैं। अभिनेता का 90वां जन्मदिन 8 दिसंबर को है।


पेशेवर मोर्चे पर, धर्मेंद्र को हाल ही में 2024 में फिल्म 'तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया' में देखा गया था, जिसमें शाहिद कपूर और कृति सेनन ने अभिनय किया था। वह अगली फिल्म 'इक्कीस' में नजर आएंगे, जिसका निर्देशन प्रसिद्ध निर्देशक श्रीराम राघवन कर रहे हैं।


यह फिल्म अरुण खेत्रपाल की जीवनी पर आधारित एक युद्ध नाटक है, जो सबसे कम उम्र के परम वीर चक्र प्राप्तकर्ता हैं।


फिल्म में अगस्त्य नंदा और सिमर भाटिया भी हैं और यह दिसंबर में रिलीज होने वाली है।


धर्मेंद्र को भारतीय सिनेमा के सबसे महान, सबसे हैंडसम और सबसे सफल फिल्म सितारों में से एक माना जाता है। उनके करियर में छह दशकों से अधिक का समय है और उन्होंने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया है।


उन्होंने हिंदी सिनेमा में सबसे अधिक हिट फिल्मों में अभिनय करने का रिकॉर्ड बनाया है। उन्हें 2012 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। धर्मेंद्र ने 1960 में 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' से अपने करियर की शुरुआत की थी।


उन्होंने 1960 के दशक के मध्य में 'आयी मिलन की बेला', 'फूल और पत्थर', और 'आये दिन बहार के' जैसी फिल्मों से लोकप्रियता हासिल की।


1960 के अंत से लेकर 1980 के दशक तक, उन्होंने कई सफल हिंदी फिल्मों में काम किया, जैसे 'आंखें', 'शिकार', 'आया सावन झूम के', 'जीवन मृत्यु', 'मेरा गांव मेरा देश', 'सीता और गीता', 'राजा जानी', 'जुगनू', 'यादों की बारात', 'दोस्त', 'शोले', 'प्रतिज्ञा', 'चरस', 'धर्म वीर', 'चाचा भतीजा', 'गुलामी', 'हुकूमत', 'आग ही आग', 'एलान-ए-जंग', 'तहलका', 'अनपढ़', 'बंदिनी', 'हक़ीक़त', 'अनुपमा', 'ममता', 'मझली दीदी', 'सत्यकाम', 'नया ज़माना', 'समाधि', 'रेशम की डोरी', 'चुपके चुपके', 'दिल्लगी', 'द बर्निंग ट्रेन', 'ग़ज़ब', 'दो दिशाएं' और 'हथियार'।


1990 के दशक के अंत में, उन्होंने कई सफल और प्रशंसित फिल्मों में चरित्र भूमिकाओं में भी काम किया, जैसे 'प्यार किया तो डरना क्या', 'लाइफ इन ए... मेट्रो', 'अपने', 'जॉनी गड्ढार', 'यमला पगला दीवाना', 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' और 'तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया'।