धर्मेंद्र की यादें: जयपुर के कलाकार ने साझा की अनसुनी कहानियाँ
धर्मेंद्र के साहसिक व्यक्तित्व की झलक
बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता धर्मेंद्र के निधन के बाद, जयपुर के कलाकार राज जांगिड़ ने उनके साथ जुड़ी कई अनकही यादें साझा की हैं। राज ने बताया कि धर्मेंद्र केवल फिल्मी दुनिया में ही नहीं, बल्कि असल जीवन में भी एक साहसी, मददगार और उदार इंसान थे।
शूटिंग के दौरान का एक दिलचस्प किस्सा
राज ने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि जब वे प्रहलाद निहलानी की फिल्म 'आग ही आग' की शूटिंग के लिए बेंगलुरु गए थे, तब उन्होंने उस स्थान को देखा जहां 'शोले' फिल्म की शूटिंग हुई थी। यह जगह 70-80 किलोमीटर दूर पहाड़ी इलाके में थी, जिसे गब्बर सिंह का अड्डा बनाया गया था। वहीं, रामगढ़ गांव का सेट इतना मजबूत था कि लोग वहां बसने लगे, और आज भी वह गांव 'रामनगर' के नाम से जाना जाता है।
धर्मेंद्र का युवाओं से सामना
राज के अनुसार, शूटिंग के दौरान कुछ कॉलेज के युवक सेट पर आ गए। एक युवक ने पत्थर फेंका, जो शत्रुघ्न सिन्हा को लगा। उस समय धर्मेंद्र, डेनी, मौसमी चटर्जी, चंकी पांडे, ऋचा शर्मा और अन्य कलाकार वहां मौजूद थे। जैसे ही यह घटना हुई, धर्मेंद्र और फाइटर उस्मान खान ने मिलकर उन शरारती युवकों को पकड़ लिया।
पुलिस को बुलाना पड़ा
कुछ ही समय में 50-70 लड़के सेट पर इकट्ठा हो गए और पत्थरबाजी शुरू कर दी। शूटिंग रोकनी पड़ी, और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रोडक्शन टीम ने पुलिस को बुलाया। थोड़ी देर बाद पुलिस का जाब्ता वहां पहुंचा और सभी कलाकारों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
धर्मेंद्र की दयालुता
राज ने बताया कि धर्मेंद्र एक दयालु इंसान थे। जो भी व्यक्ति गांव से मुंबई मदद के लिए आता, वह कभी खाली हाथ नहीं लौटता। उन्होंने सैकड़ों लोगों को रोजगार दिलाया, कुछ के लिए टैक्सियां खरीदीं और कई को फाइटर बनने में मदद की।
भीलवाड़ा से मुंबई का सफर
राज ने बताया कि बचपन में वे भी भीलवाड़ा के गुलाबपुरा गांव से मुंबई धर्मेंद्र का बचपन का रोल निभाने के लिए पहुंचे थे। हालांकि वह रोल नहीं मिला, लेकिन उन्हें 'हुकूमत', 'कोहराम', 'आग ही आग' और 'हमसे ना टकराना' जैसी फिल्मों में धर्मेंद्र के साथ काम करने का अवसर मिला। राज जांगिड़ ने धर्मेंद्र को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे भारतीय सिनेमा के सबसे खूबसूरत, स्टाइलिश और सच्चे हीमैन थे।
