धर्मांतरण से प्रभावित महिलाओं की घर वापसी की आवश्यकता: अपर्णा यादव

उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने धर्मांतरण से प्रभावित महिलाओं की घर वापसी का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है और जबरन धर्मांतरण की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अपर्णा ने कावड़ यात्रा पर विपक्षी दलों की टिप्पणियों की निंदा की और हिंदी भाषा के महत्व पर भी जोर दिया। उनका मानना है कि भेदभाव फैलाना देश की एकता के खिलाफ है।
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धर्मांतरण से प्रभावित महिलाओं की घर वापसी की आवश्यकता: अपर्णा यादव

महिलाओं के अधिकारों की रक्षा

उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने शुक्रवार को कहा कि धर्मांतरण से प्रभावित महिलाओं को अपने घर लौटने का अधिकार मिलना चाहिए। गोंडा में एक दिवसीय दौरे के दौरान, उन्होंने महिलाओं से संबंधित मामलों की सुनवाई के बाद पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा, “धर्मांतरण से प्रभावित महिलाएं, जो इस स्थिति से संतुष्ट नहीं हैं, उन्हें अपने मूल धर्म में लौटने का पूरा अधिकार है।”


धर्म की स्वतंत्रता का महत्व

अपर्णा यादव ने यह भी कहा कि स्वतंत्र भारत में हर व्यक्ति की आस्था और इच्छाओं का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि जबरन धर्मांतरण कराने वालों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाना एक उचित कदम है, जिससे समाज में यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि जबरन धर्मांतरण जैसी गतिविधियों को सहन नहीं किया जाएगा।


कावड़ यात्रा पर राजनीतिक टिप्पणियाँ

कावड़ यात्रा पर विपक्षी दलों की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए, उन्होंने कहा कि यह सनातन परंपरा का हिस्सा है और इसमें राजनीति का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के हालिया बयानों पर उन्होंने कहा कि धर्म को राजनीति में नहीं लाना चाहिए।


हिंदी भाषा का महत्व

मुंबई में चल रहे विवाद पर अपर्णा यादव ने कहा कि हिंदी हमारे देश की आत्मा और गौरव है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी पूरे देश को एक सूत्र में बांधती है और हिंदी का अपमान करने वालों की सोच बेहद निम्न स्तर की है। उन्होंने कहा कि भेदभाव फैलाना देश की एकता के खिलाफ है।