धर्मस्थल में सामूहिक दफनाने के आरोपों की जांच में एसआईटी का निरीक्षण

कर्नाटक के धर्मस्थल में शवों को सामूहिक रूप से दफनाने के आरोपों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने हाल ही में मंदिर परिसर का निरीक्षण किया। उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने इन आरोपों को इलाके की छवि को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि यह सब एक शिकायतकर्ता के कारण हुआ है। इस मामले में विधायकों ने कार्रवाई की मांग की है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और एसआईटी की जांच के बारे में।
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धर्मस्थल में सामूहिक दफनाने के आरोपों की जांच में एसआईटी का निरीक्षण

धर्मस्थल में शवों के सामूहिक दफनाने की जांच

कर्नाटक के धर्मस्थल कस्बे में शवों को सामूहिक रूप से दफनाने के आरोपों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बृहस्पतिवार को मंदिर सूचना केंद्र और उसके आस-पास के क्षेत्रों का निरीक्षण किया।


इस बीच, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने इन आरोपों को इलाके की छवि को नुकसान पहुंचाने की एक “साजिश” बताया।


एसआईटी ने जानकारी दी कि शिकायतकर्ता के साथ मंदिर परिसर में पहुंचे अधिकारियों ने एक सार्वजनिक शौचालय के निकट निरीक्षण किया और उस स्थान का भी जायजा लिया, जहां शिकायतकर्ता ने पिछले वर्षों में मंदिर में काम करते समय ठहरने का दावा किया था। यह निरीक्षण कड़ी पुलिस सुरक्षा में किया गया।


अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को किया गया निरीक्षण नियमित जांच प्रक्रिया का हिस्सा था, और इसके निष्कर्षों के आधार पर चिन्हित स्थानों की आगे फोरेंसिक जांच की जा सकती है।


उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा, “सैकड़ों वर्षों की विरासत को नष्ट करने की साजिश की जा रही है। किसी को यूं ही बदनाम करना उचित नहीं है। यह सब एक शिकायतकर्ता के कारण हुआ है।”


शिवकुमार ने यह भी बताया कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में कुछ विधायकों ने धर्मस्थल को बदनाम करने के प्रयासों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, “मैंने उनसे कहा है कि छवि खराब करने के अभियान में शामिल लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने भी इस पर सहमति जताई है।”