धर्मस्थल मंदिर विवाद: सुनियोजित साजिश का शक, जांच जारी

कर्नाटक के धर्मस्थल मंदिर से जुड़ा विवाद अब एक सुनियोजित साजिश का शक पैदा कर रहा है। विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने शिकायतकर्ता द्वारा पेश की गई खोपड़ी को एक संरक्षित नमूना बताया है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने एनआईए से जांच की मांग की है, जबकि कर्नाटक सरकार ने इस मामले को एनआईए को सौंपने की आवश्यकता से इनकार किया है। उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह इस विवाद का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसे हिंदू आस्था पर हमला बताया है।
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धर्मस्थल मंदिर विवाद: सुनियोजित साजिश का शक, जांच जारी

धर्मस्थल मंदिर विवाद का नया मोड़

कर्नाटक के धर्मस्थल मंदिर से जुड़ा विवाद अब एक नई दिशा में बढ़ता दिख रहा है। जांचकर्ताओं का मानना है कि यह मामला एक सुनियोजित साजिश का परिणाम हो सकता है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने यह निष्कर्ष निकाला है कि शिकायतकर्ता सीएन चिन्नय्या द्वारा अदालत में पेश की गई खोपड़ी किसी छिपे कब्रिस्तान का प्रमाण नहीं है, बल्कि यह एक शोध प्रयोगशाला से प्राप्त संरक्षित नमूना है।


एसआईटी की पूछताछ और गिरफ्तारी

एसआईटी और उसके प्रमुख प्रणव मोहंती ने शिकायतकर्ता से देर रात तक पूछताछ की। शिकायतकर्ता का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि बयानों और दस्तावेजों में विसंगतियों के कारण गिरफ्तारी की गई। एसआईटी मामले की जांच जारी रखे हुए है और शिकायतकर्ता को घंटों पूछताछ के बाद मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेजा गया। शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि उसने 1995 से 2014 के बीच धर्मस्थल में काम किया और उसे कई शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था।


विहिप की एनआईए जांच की मांग

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने धर्मस्थल से जुड़े विवादों की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से गहन जांच कराने की मांग की है। विहिप ने इसे मंदिर की प्रतिष्ठा को धूमिल करने की साजिश बताया है। विहिप के सचिव शरण पम्पवेल ने कहा कि निहित स्वार्थों ने मंदिर की आध्यात्मिक छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है।


अंतरराष्ट्रीय मीडिया की भूमिका

विहिप ने आरोप लगाया कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है। बयान में कहा गया है कि विदेशी धन से समर्थित अभियानों पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। विहिप के अनुसार, प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) से जुड़े संगठनों ने इस अभियान को समर्थन दिया है।


कर्नाटक सरकार की प्रतिक्रिया

कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने कहा है कि धर्मस्थल मंदिर के खिलाफ साजिश का मामला एनआईए को सौंपने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) प्रभावी ढंग से जांच कर रहा है।


शिवकुमार का भाजपा पर आरोप

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने भाजपा पर आरोप लगाया कि धर्मस्थल के खिलाफ साजिश के पीछे भाजपा और उसके सहयोगी हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है।


केंद्रीय मंत्री का बयान

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने धर्मस्थल विवाद को हिंदू आस्था पर प्रायोजित हमला बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने इस मामले को जानबूझकर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है।