धनतेरस पर झाड़ू खरीदने का महत्व और सही तरीके

धनतेरस का पर्व और झाड़ू की खरीदारी
धनतेरस का पर्व दिवाली की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन लोग सोने, चांदी के गहने और बर्तन खरीदते हैं, लेकिन झाड़ू खरीदने की परंपरा भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। मान्यता है कि झाड़ू खरीदने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।
झाड़ू का महत्व और मान्यताएँ
मत्स्य पुराण के अनुसार, झाड़ू को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। यह विश्वास है कि झाड़ू खरीदने से घर में गरीबी का नाश होता है और ऋण से मुक्ति मिलती है।
लक्ष्मी का वास और झाड़ू खरीदने के नियम
धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और लक्ष्मी का वास होता है। झाड़ू खरीदते समय कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है। उदाहरण के लिए, झाड़ू को पकड़ने की जगह पर सफेद धागा बांधना चाहिए।
धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की सलाह
धनतेरस पर तीन झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है। दो या चार झाड़ू खरीदने से बचना चाहिए। इसके अलावा, खरीदी गई झाड़ू को दिवाली के दिन मंदिर में दान करने से लक्ष्मी का आगमन होता है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार झाड़ू का उपयोग
वास्तुशास्त्र के अनुसार, झाड़ू से घर में प्रवेश करने वाली नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। इसे हमेशा छिपाकर रखना चाहिए और भोजन कक्ष में नहीं रखना चाहिए।
पोंछा लगाने के उपाय
घर में पोंछा लगाते समय पानी में थोड़ा नमक मिलाना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
झाड़ू से जुड़े अन्य नियम
झाड़ू को कभी भी खड़ी करके नहीं रखना चाहिए और गाय या अन्य जानवरों को झाड़ू से नहीं मारना चाहिए।
महालक्ष्मी की कृपा के लिए उपाय
देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए मंदिर में झाड़ू दान करने की परंपरा है। इसे सुबह ब्रह्म मुहूर्त में करना चाहिए।