द्रमुक ने अमित शाह के आरोपों का किया जवाब, कहा 'काला विधेयक'

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने द्रमुक और उसके नेता एम. के. स्टालिन पर संविधान संशोधन विधेयक को लेकर आरोप लगाए हैं। द्रमुक ने पलटवार करते हुए इसे 'काला विधेयक' करार दिया है। ए. राजा ने शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को डराने के लिए यह विधेयक लेकर आई है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या यह कानून भाजपा के मंत्रियों पर भी लागू होगा। इस विवाद ने तमिलनाडु की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है।
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द्रमुक ने अमित शाह के आरोपों का किया जवाब, कहा 'काला विधेयक'

द्रमुक का पलटवार

केंद्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा संविधान संशोधन विधेयक और अन्य मुद्दों पर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और उसके नेता एम. के. स्टालिन की आलोचना के बाद, तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी ने एक बार फिर अपने रुख को स्पष्ट किया है कि यह विधेयक 'काला' है।


द्रमुक के उप महासचिव और लोकसभा सदस्य ए. राजा ने अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि शाह ने तिरुनेलवेली में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते समय तिरुक्कुरल का उल्लेख किया, लेकिन इससे भाजपा को वोट नहीं मिलेंगे।


संविधान संशोधन विधेयक पर विवाद

शाह ने एक पार्टी बैठक में मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन पर हमला करते हुए कहा कि स्टालिन को 130वें संविधान संशोधन विधेयक को 'काला विधेयक' कहने का अधिकार नहीं है, क्योंकि उन्होंने खुद 'काले कारनामे' किए हैं।


इस विधेयक में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार किए जाने और 30 दिनों तक हिरासत में रहने पर पद से हटाने का प्रावधान है, जिसका विपक्ष ने कड़ा विरोध किया है।


राजा का आरोप

द्रमुक द्वारा जारी एक बयान में ए. राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्रीय कैबिनेट में 28 मंत्रियों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और 39 प्रतिशत कैबिनेट सदस्यों की 'आपराधिक पृष्ठभूमि' है।


राजा ने सवाल उठाया, 'क्या यह कानून उन पर भी लागू होगा? क्या आप ऐसे कानून को 'काला कानून' नहीं कहेंगे, जिसे केवल उन लोगों को सत्ता से हटाने के लिए लाया गया है जिन्हें भाजपा पसंद नहीं करती?'


भाजपा पर आरोप

राजा ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को डराने के लिए यह विधेयक लेकर आई है। जब स्टालिन ने इस 'तानाशाही और काले कानून' के खिलाफ आवाज उठाई, तो अमित शाह घबरा गए और 'झूठ का पुलिंदा' पेश करने पर मजबूर हो गए।


उन्होंने द्रमुक सरकार को देश की सबसे भ्रष्ट सरकार बताने के लिए शाह की आलोचना की और कहा कि शाह ने 2016 और 2018 में अन्नाद्रमुक सरकारों के खिलाफ भी ऐसी ही टिप्पणियां की थीं।