देहरादून में भारी बारिश से टपकेश्वर महादेव मंदिर में जलभराव

उत्तराखंड के देहरादून में भारी बारिश के चलते टपकेश्वर महादेव मंदिर में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मंदिर के गर्भगृह को कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन स्थानीय निवासियों ने जल स्तर बढ़ने की जानकारी दी है। मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों की निगरानी की है और प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य जारी हैं। जानें इस आपदा के बारे में और क्या जानकारी मिली है।
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देहरादून में भारी बारिश से टपकेश्वर महादेव मंदिर में जलभराव

टपकेश्वर महादेव मंदिर में जलभराव

उत्तराखंड के देहरादून जिले में हुई मूसलधार बारिश के चलते तमसा नदी का जलस्तर बढ़ गया, जिससे टपकेश्वर महादेव मंदिर में पानी भर गया। मंदिर की गुफा में जल स्तर इतना बढ़ गया कि शिवलिंग डूब गया। पानी मंदिर के प्रांगण में भी पहुंच गया और हनुमान जी की मूर्ति तक पहुँच गया, लेकिन गर्भगृह सुरक्षित रहा। गढ़ी कैंट क्षेत्र में स्थित यह मंदिर, देहरादून सिटी बस स्टैंड से लगभग 5.5 किलोमीटर दूर है। इस मंदिर की खासियत यह है कि गुफा के अंदर स्थित शिवलिंग पर चट्टान से लगातार पानी की बूँदें गिरती रहती हैं, जिससे इसे टपकेश्वर नाम दिया गया। शिवरात्रि मेले के दौरान यहाँ भक्तों की भारी भीड़ होती है।


पुजारी का बयान

मंदिर का गर्भगृह सुरक्षित है: मंदिर के पुजारी

मंदिर के पुजारी आचार्य बिपिन जोशी ने बताया कि सुबह से ही नदी का बहाव तेज हो गया था और पूरा मंदिर परिसर जलमग्न हो गया था। उन्होंने कहा, "सुबह 5 बजे से ही नदी का बहाव तेज हो गया था और पूरा मंदिर परिसर जलमग्न हो गया था... ऐसी स्थिति बहुत लंबे समय से नहीं आई थी... कई जगहों पर नुकसान हुआ है... लोगों को इस समय नदियों के पास जाने से बचना चाहिए... मंदिर का गर्भगृह सुरक्षित है... अभी तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है..."


स्थानीय निवासियों का अनुभव

स्थानीय निवासियों ने भी गुफा मंदिर के अंदर पानी के बढ़ने का अनुभव साझा किया। एक निवासी ने बताया कि जल स्तर सुबह करीब 4:45 बजे बढ़ना शुरू हुआ और यह 10-12 फीट तक पहुँच गया। उन्होंने कहा, "पानी 'शिवलिंग' के ऊपर तक पहुंच गया... किसी तरह हमने अपना रास्ता बनाया और रस्सी की मदद से हम ऊपर आ गए..."


उत्तराखंड में बारिश से तबाही

उत्तराखंड में बादल फटने से तबाही

उत्तराखंड में रातभर हुई भारी बारिश से कई स्थानों पर सड़कें, मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। मंगलवार तड़के एक पुल बह गया और कई लोग लापता हो गए हैं। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि देहरादून में सहस्त्रधारा और मालदेवता से नुकसान की खबरें आई हैं। देहरादून में दो से तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं। मसूरी में एक व्यक्ति की मौत की खबर मिली है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, और 300 से 400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है।


टिहरी में जलभराव

आपदा प्रबंधन सचिव ने कहा कि टिहरी में जलभराव के कारण गीता भवन में लोग फंस गए थे, जिन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया है। भारी बारिश के कारण नैनीताल में एक सड़क भूस्खलन के मलबे से बंद हो गई है। मझारा गांव के निवासी सड़कों पर इकट्ठा हैं और उनका कहना है कि वे भूस्खलन से बाल-बाल बचे हैं। कुछ लोग लापता होने की भी खबर है।


मुख्यमंत्री का बयान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक पोस्ट में कहा कि देहरादून के सहस्त्रधारा में भारी बारिश के कारण कुछ दुकानों के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा, "मैं स्थानीय प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हूं और व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नजर रख रहा हूं।" मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद की स्थिति से अवगत कराया है।


राहत कार्य जारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत टीम युद्धस्तर पर काम कर रही हैं ताकि स्थिति को सामान्य किया जा सके। उन्होंने कहा, "भारी बारिश के कारण सभी नदियां उफान पर हैं। 25 से 30 स्थानों पर सड़कें टूट गई हैं और संपर्क मार्ग कट गए हैं।"


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