दुल्हन ने शादी से किया इनकार, पहली बार देखा दूल्हा

मध्य प्रदेश के एक गांव में प्रीति कुशवाह ने शादी के दिन दूल्हे का चेहरा देखकर शादी से इनकार कर दिया। यह घटना उस समय हुई जब उसने पहली बार दूल्हे को देखा और उसे पसंद नहीं आया। रिश्तेदारों की लाख कोशिशों के बावजूद, प्रीति ने अपनी बात पर अडिग रहते हुए शादी रद्द कर दी। यह घटना उन माता-पिता के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है जो बिना बच्चों की सहमति के शादी तय करते हैं। जानिए इस अनोखी कहानी के बारे में और प्रीति के फैसले के पीछे की वजह।
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दुल्हन ने शादी से किया इनकार, पहली बार देखा दूल्हा

शादी के दिन दुल्हन का अनोखा फैसला


जब भी कोई लड़की विवाह के बंधन में बंधने की सोचती है, तो उसके मन में नए जीवन के सपने होते हैं। उसे अपने लिए सही साथी चुनने का पूरा अधिकार होना चाहिए। लेकिन, हर लड़की की किस्मत ऐसी नहीं होती। आज भी कई ग्रामीण परिवार हैं जो बिना बेटी की सहमति के उसकी शादी तय कर देते हैं। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के ईसागढ़ तहसील के खिरियादेवत गांव में प्रीति कुशवाह के साथ हुआ। प्रीति के पिता, भगवानलाल कुशवाह ने उसकी सगाई शिवपुरी जिले के इंदार गांव में एक युवक से की थी। शादी की तारीख तय हो गई थी, जो कि मंगलवार को थी।


दुल्हन ने शादी से किया इनकार, पहली बार देखा दूल्हा


बारात बैंड-बाजा के साथ आई और दुल्हन पक्ष ने धूमधाम से उनका स्वागत किया। इसके बाद वरमाला का कार्यक्रम शुरू हुआ। दूल्हे ने पहले प्रीति के गले में वरमाला डाली। प्रीति ने मजबूरी में वरमाला पहन ली, लेकिन जब उसकी बारी आई कि वह दूल्हे को वरमाला पहनाए, तो वह हिचकिचा गई। अंततः उसने शादी करने से मना कर दिया। दुल्हन की इस हरकत से सभी लोग हैरान रह गए। जब उससे कारण पूछा गया, तो उसने कहा कि उसने शादी के दिन पहली बार दूल्हे का चेहरा देखा और उसे पसंद नहीं आया।


दुल्हन ने शादी से किया इनकार, पहली बार देखा दूल्हा


प्रीति की बात सुनकर रिश्तेदारों ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी। अंततः सभी को शादी रद्द करनी पड़ी। बारात दुल्हन के बिना लौट गई और दूल्हे के परिवार ने जो दहेज लिया था, वह भी वापस कर दिया। दूल्हे के परिवार ने दुल्हन को चढ़ाने के लिए लाए गए सोने-चांदी के आभूषण भी अपने साथ ले गए।


प्रीति ने केवल आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की है। उसकी सगाई छह महीने पहले प्रतापभान से हुई थी, लेकिन यह निर्णय उनके माता-पिता ने लिया था। प्रीति और प्रतापभान ने एक-दूसरे को देखा तक नहीं था। प्रीति ने अपने परिवार से कहा था कि वह अपने होने वाले जीवनसाथी की तस्वीर देखना चाहती है, लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जब शादी के दिन प्रीति ने पहली बार दूल्हे को देखा, तो उसे वह पसंद नहीं आया। प्रीति का कहना है कि शादी के बाद जीवन की एक नई शुरुआत होती है। इसलिए, उसने मना कर दिया। अब उसे नहीं पता कि उसने सही किया या गलत, लेकिन यह उसकी जिंदगी का मामला था, इसलिए वह कोई समझौता नहीं करना चाहती थी.


यह घटना उन माता-पिता के लिए एक सीख है जो बिना अपने बच्चों की इच्छा जाने उन पर शादी का दबाव डालते हैं। इसलिए, पहले लड़के और लड़की की सहमति जानना बहुत जरूरी है।