दुलार चंद यादव हत्या मामले में तीन एफआईआर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
दुलार चंद यादव की हत्या का मामला
दुलार चंद यादव हत्याकांड में अब तक 3 एफआईआर
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले पटना के मोकामा में जन सुराज पार्टी के नेता दुलार चंद यादव की हत्या ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। हत्या के अगले दिन पुलिस ने मामले की जांच के लिए तीन एफआईआर दर्ज की हैं। हालांकि, दुलार चंद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और उनके पोते द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में भिन्नताएँ सामने आई हैं। दोनों रिपोर्टों में कोई मेल नहीं है, जिससे सवाल उठता है कि क्या मृतक का पोता सच बोल रहा है। फिलहाल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
दुलार चंद यादव की हत्या के मामले में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। पहली एफआईआर गैंगस्टर दुलार चंद के पोते नीरज के आवेदन पर, दूसरी मोकामा से जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशी अनंत सिंह के समर्थक जीतेंद्र के बयान पर, और तीसरी एफआईआर पुलिस द्वारा दर्ज की गई है।
पोते नीरज का बयान
दुलार चंद यादव के पोते ने अपनी एफआईआर (FIR-110/25) में बाहुबली अनंत सिंह सहित पांच लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है। नीरज के बयान के आधार पर भदौर थाना में पहली एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें अनंत सिंह, राजवीर सिंह, कर्मवीर सिंह, छोटन सिंह और कंजम सिंह को नामजद किया गया है।
नीरज कुमार, जो इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी हैं, ने कहा कि गुरुवार की शाम लगभग 3:30 बजे वह अपने दादा और जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के साथ चुनाव प्रचार में थे। इसी दौरान अनंत सिंह अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचा और गाली-गलौज करने लगा।
नीरज के अनुसार, अनंत सिंह के साथ आए राजवीर और कर्मवीर ने दादा को गाड़ी से नीचे उतारा। तभी अनंत सिंह ने पिस्टल निकालकर उन पर गोली चलाई, जो दादा के पैर में लगी। इसके बाद छोटन और कंजम ने थार गाड़ी से उन्हें कुचल दिया। जब वे पहुंचे, तब तक दादा की मौत हो चुकी थी।
अनंत सिंह की एफआईआर
एफआईआर में बीएनएस के तहत आरोपियों के खिलाफ धारा 103, 3(5), BNS 2023 (हत्या और आपराधिक साजिश), धारा 27 और आर्म्स एक्ट (अवैध हथियार का प्रयोग) लगाई गई है। दूसरी एफआईआर अनंत सिंह की ओर से जीतेंद्र ने दर्ज कराई है, जिसमें जन सुराज उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी और उनके साथियों पर हमला करने का आरोप लगाया गया है।
दुलार चंद की मौत का कारण
आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत कई धाराएँ लगाई गई हैं। हालांकि, हाल ही में सामने आए वीडियो से यह प्रतीत होता है कि दुलार चंद यादव के पोते द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में कोई मेल नहीं है। पोस्टमार्टम करने वाले मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, दुलार चंद की मौत गोली लगने से नहीं हुई है।
गुरुवार को दुलार चंद यादव की मोकामा क्षेत्र में जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के लिए प्रचार करते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि दुलार चंद के पैर में लगी गोली घातक नहीं थी।
पटना पुलिस की प्रतिक्रिया
पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. अजय कुमार ने बताया कि दुलार चंद यादव की मौत गोली लगने से नहीं हुई। पुलिस अधीक्षक विक्रम सिहाग ने कहा कि पहली नजर में यह स्पष्ट है कि उनकी मौत गोली लगने से नहीं हुई। हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस ने अब तक तीन एफआईआर दर्ज की हैं और इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
